Jhansi Hospital Fire: उत्तर प्रदेश के झांसी में हुए हादसे को लेकर प्रदेश में विपक्ष ने सरकार को घेर लिया। सपा, बसपा समेत कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। आइये बताते हैं विपक्ष के नेताओं ने क्या कहा
Jhansi Hospital Fire: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे को लेकर सियासी बयानबाजी का दौर जारी है। विपक्ष ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। सपा, बसपा और कांग्रेस के नेताओं ने हादसे का दोष पूरी तरह से सरकार पर लगाया है।
झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड पर समाजवादी पार्टी की मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने कहा "हम सभी परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहते हैं, और हम मांग करते हैं कि सरकार इस मामले की जांच करे। जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।"
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अजय राय ने कहा कि यह बहुत दुखद घटना है। मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। मुझे लगता है कि यह बहुत दुखद घटना है। उत्तर प्रदेश में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं।' वाराणसी में भी यही हुआ। यह सरकार केवल जांच का आदेश दे रही है।
योगी आदित्यनाथ पूरे देश में घूम-घूम कर नफरत की राजनीति कर रहे हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश की जनता ने उनकी देखभाल करने और उनकी मदद करने की जिम्मेदारी दी है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। सिर्फ नफरत की राजनीति हो रही है। लोगों को परेशान किया जा रहा है। काम नहीं हो रहा है। इस सरकार को अधिकारी चला रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार और सीएम योगी खुद इसके जिम्मेदार हैं।
सपा नेता डॉ. एस टी हसन ने कहा कि इस तरह से मासूम नवजात शिशुओं की दुखद जान चली गई, इससे बड़ा कोई दुख नहीं है।' शॉर्ट सर्किट से लगी आग; सटीक कारण बाद में पता चलेगा। लेकिन, आग बुझाने के इंतजाम क्यों नहीं किए गए? आग अचानक नहीं लगती। इसके लिए अस्पताल प्रशासन जिम्मेदार है।
सपा सांसद आरके चौधरी ने इसको बड़ी घटना बताते हुए इसमें सरकार और सरकारी मशीनरी पर लापरवाही का बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान इस पर है कि देश हिंदू-मुसलमान के नाम पर बंटा रहे, ये संविधान के खिलाफ है। सरकार को संविधान के हिसाब से काम करना चाहिए, लेकिन वो अस्पताल नहीं संभाल पा रहे हैं और हिंदू-मुसलमान करने में लगे हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग और पूरी सरकार इसकी दोषी है, जितनी भी निंदा की जाए वो कम है। इस मामले की जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
कांग्रेस नेता रशीद अल्वी ने कहा कि ये बेहद दर्दनाक खबर है। जब ऐसी खबरें आती हैं तो मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं। ' उत्तर प्रदेश में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले गोरखपुर और अन्य जगहों के अस्पतालों में बच्चों की मौत हो चुकी है।
अब झाँसी में आग लगने से 15 नवजात बच्चों की मौत हो गई है। ये सुनकर भी दुख होता है। उत्तर प्रदेश में कैसी सरकार है? इसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। अगर योगी आदित्यनाथ सच में खुद को योगी मानते हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। वह मुख्यमंत्री बनने और सरकार चलाने के लिए पूरी तरह अयोग्य हैं। 15 नवजात शिशुओं की मौत से बड़ी कोई त्रासदी नहीं हो सकती।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, “महारानी लक्ष्मीबाई अस्पताल झांसी में 10 मासूम बच्चे प्रशासन की लापरवाही से जलकर मर गए। यह हृदय विदारक है। उनकी उम्र महज 10 दिन, 15 दिन बहुत ज्यादा एक महीने भर होगी। वह एनआईसीयू में थे। वहां उनके साथ कोई परिवार का व्यक्ति भी नहीं था। उनकी जान बचाने की जिम्मेदारी प्रशासन की थी, वो पूरी तरह से निभाई नहीं गई।"
कांग्रेस नेता कुंवर दानिश अली ने झांसी अस्पताल की घटना पर कहा, "बहुत दुखद और झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। दुर्भाग्य से योगी जी की उत्तर प्रदेश सरकार इतनी असंवेदनशील है कि इतनी हृदय विदारक घटना के बाद उप मुख्यमंत्री वहां जा रहे हैं, और उनके स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं। सड़कों पर चूना बिछाया जा रहा है।"
झांसी अस्पताल में आग लगने की घटना पर सपा प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा, "स्वास्थ्य मंत्री टीवी मंत्री हो गए हैं उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। नवजात शिशुओं की हत्या उनके प्रशासन में हुईं, और उन्हें शीर्ष स्तर और जिला स्तर के अधिकारियों को निलंबित कर देना चाहिए."
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मृत्यु एवं कई बच्चों के घायल होने का समाचार बेहद दुखद एवं चिंताजनक है। वहीं बसपा की मुखिया मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि ऐसी घातक लापरवाही के लिए दोषियों को सख्त कानूनी सजा जरूरी है। ऐसी घटनाओं की भरपाई असंभव फिर भी सरकार पीड़ित परिवारों की हर प्रकार से मदद जरूर करे।
उत्तर प्रदेश के झांसी से दिल को दहला देने वाली घटना की खबर सामने आई है। यहां महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत की पुष्टि हुई है। जबकि, 47 के करीब नवजात को बचा लिया गया है।