भद्रा शुद्धि के बाद रात्रि 11 बजकर 32 मिनट पर होलिका दहन किया जा सकता है।
रंग, अबीर, आस्था, उल्लास और भाईचारे का पर्व होली का त्योहार 13 मार्च 2025 को मनाया जाएगा। फाल्गुन शुक्ला प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा में होलिका दहन किया जाना शास्त्र सम्मत रहता है। होली पर्व को लेकर शहर में रंग अबीर गुलाल की दुकानें सज गई है । बीस रुपए से लेकर दो सौ रुपए में पिचकारी मिल रही है। जहां मंदिरों में फाग उत्सव परवान पर है, वहीं होली का दहन के लिए महिलाएं भी अब तैयारी में जुट गई हैं। शहर सहित जिले के चिड़ावा, मंडावा, बिसाऊ सहित अनेक जगह फागोत्सव मनाए जा रहे हैं। होली के अवसर पर भद्रा का प्रभाव अक्सर देखा जाता है। इस वर्ष भी होलिका दहन के समय भद्रा का प्रभाव रहेगा। भद्रा के प्रभाव में होलिका दहन करना निषिद्ध माना जाता है। पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि होली पर्व के दिन सुबह 10:41बजे से लेकर रात 11:31 बजे तक भद्रा का प्रभाव रहेगा। भद्रा पुंछ का समय शाम 6:57 बजे से 8:14 बजे तक होगा। इस समय में अथवा भद्रा शुद्धि के बाद रात्रि 11 बजकर 32 मिनट पर होलिका दहन किया जा सकता है। फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 13 मार्च, 2025 को सुबह 10:41 बजे प्रारंभ होगी. यह तिथि 14 मार्च, 2025 को दोपहर 12:27 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, सायंकालीन प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि में होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा, जबकि धुलंडी 14 मार्च, 2025 को होगी।
होली पर्व के दिन बड़कुलों की माला पिरोने और उनका पूजन करने का समय सुबह 10:41 बजे से पहले तक रहेगा। इसके बाद भद्रा लग जाएगी। माताएं-बहनें इस दिन छोटे बच्चों का ढूंढ भी पूजती है। कई घरों में वह भी पूजन सुबह 10:41 बजे से पहले ही किया जाएगा।
त्योहार पर अपने गांव जाने को लेकर बसों व ट्रेनों में जमकर भीड़ हो रही है। लम्बी दूरी की अधिकतर ट्रेनों में तो अगले दस दिन की वेटिंग चल रही है। हालांकि रेलवे ने कुछ होली स्पेशल रेल चलाई है, लेकिन इनकी संख्या काफी कम है। दिल्ली व जयपुर के बीच झुंझुनूं होते हुए ट्रेन नाम मात्र की है। इस कारण यात्रियों को खूब परेशानी हो रही है। वहीं बसों में भी जमकर भीड़ हो रही है। निजी ट्रेवल्स की चांदी हो रही है।
अधिकतर विभागों के सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की चार दिन की छुट्टी रहेगी। तेरह मार्च को होली, चौदह को धुलंडी, पंद्रह को शनिवार व सौलह मार्च को रविवार है। ऐसे में कर्मचारी व अधिकारी केवल बुधवार को ऑफिस जाएंगे। इसके बाद चार दिन छुट्टियों का आनंद लेंगे। अनेक ने चार दिन सैर सपाटे का प्रोग्राम बना लिया है। जबकि चार दिन के दौरान निजी कम्पनियों में कार्यरत अधिकतर अधिकारियों व कर्मचारियों को होली के टार्गेट पूरे करने पड़ेंगे।