Jobs Abroad: भारत में धड़ाधड़ खुल रहे ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर (जीसीसी) इसकी गवाही दे रहे हैं। हर सप्ताह एक ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर खुल रहा है।
Jobs Abroad: वैश्विक स्तर की कंपनियां अब भारतीय प्रतिभाओं पर अपना भरोसा दिखा रही हैं, विशेषकर सर्विस सेक्टर में। भारतीयों की भर्तियां ग्लोबल कंपनियों को खूब भा रही है। एआई (AI) की बढ़ती मांग के बीच रिसर्च, डाटा मैनेजमेंट और डाटा एनालिसिस में खूब अवसर बन रहे हैं। इसके अलावा सेमी कंडक्टर डिजाइन में भी भारतीय कंपनी (Semiconductor Company In India) अपनी प्रतिभा को लोहा मनवा रही हैं।
इनकी भर्ती के लिए भारत में धड़ाधड़ खुल रहे ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर (जीसीसी) इसकी गवाही दे रहे हैं। कंसल्टेंसी कंपनी विजमेटिक के अनुसार अनुसार भारत में करीब हर सप्ताह एक ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर खुल रहा है, जिनकी संख्या करीब 1600 हो चुकी है, जिनमें कर्मियों की संख्या करीब 32 लाख से ज्यादा हो सकती है। इनको यहां भारतीय आउटसोर्सिंग कंपनियों की तुलना में तीन गुना वेतन मिलता है। अनुमान है कि इनका कुल राजस्व 120 अरब डॉलर हो सकता है, जो कि भारत की जीडीपी का कुल 3.5 फीसदी है।
पत्रिका अखबार में प्रकाशित हुए एक लेख के मुताबिक, भारत में खुलने वाले कुल जीसीसी की 30 फीसदी संख्या बेंगलूरु में है, और इनमें जीसीसी में काम करने वाले कुल 34 फीसदी कर्मी कार्यरत हैं। इसके बाद एनसीआर रीजन में 16 फीसदी जीसीसी हैं, मुबंई में 13 फीसदी, हैदराबाद में 12, पुणे में 12 और चैन्नई में 9 फीसदी जीसीसी खुले हैं। बेंगलूरु में विशेष रूप से सेमीकंडक्टर डिजाइन का काम किया जा रहा है। यहां इंटेल, एनवीडिया जैसी 85 विदेशी कंपनियां सेमीकंडक्टर डिजाइन के काम को अंजाम दे रही हैं।
भारत की तरक्की में तकनीक ने अहम भूमिका निभाई है। हाई स्पीड इंटरनेट (High Speed Internet), क्लाउड कंप्यूटिंग और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी तकनीकों के जरिए रिमोट वर्किंग आसान बनने से जीसीसी में भर्ती प्रक्रिया को गति मिली है। कोविड (COVID) के दौरान रिमोट सुपरविजन में महारत हासिल कर चुकी वैश्विक कंपनियों को भारत में अपेक्षाकृत कम लागत पर मिलने वाले बेहतर पेशेवर रास आ रहे हैं। चीन से तनावपूर्ण संबंधो के बीच अभी 16 मई को ही माइक्रोसॉफ्ट ने मशीन लर्निंग और एडवांस टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम कर रहे अपने सैकड़ों कर्मियों को किसी और देश में शिफ्ट होने के आदेश दिए थे। इसको लेकर कंपनी भारत में भी विकल्प तलाश रही है और जल्द ही यह माइक्रोसॉफ्ट के यह कर्मी भारत में एक नए ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर अपना मुकाम बना सकते हैं।