Bhajan Lal Government Big Plan : भजनलाल सरकार की बड़ी योजना। नदियों में प्रदूषण की समस्या को दूर करने और उद्योगों के पनपाने के लिए राज्य सरकार की पहल। पश्चिमी राजस्थान से कच्छ के रण तक 600 किमी वृहद पाइप लाइन बिछाएगी राजस्थान सरकार।
Bhajan Lal Government Big Plan : पश्चिमी राजस्थान के टैक्सटाइल और स्टील उद्योग के साथ रिफाइनरी से निकलने वाले प्रस्तावित प्रदूषित जल के निराकरण के लिए राज्य सरकार बड़ी योजना बना रही है। इससे लूणी, जोजरी, बांडी नदियों सहित आस-पास के गांवों में प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ लद्यु उद्योग भारती के प्रतिनिधिमंडल की बैठक में इस बारे में जानकारी दी गई।
इस प्रोजेक्ट के लिए केन्द्र सरकार से भी मदद मांगी जाएगी। जयपुर में लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधिमण्डल ने अखिल भारतीय संगठन मंत्री प्रकाशचन्द, अखिल भारतीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा, राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष शांतिलाल बालड़ के नेतृत्व में मुलाकात की।
सीएम भजनलाल के सामने कई औद्योगिक समस्याएं रखी गई। सीएम ने सरकार की ओर से इस बड़ी योजना पर काम करने की जानकारी दी है। इससे वर्तमान में पश्चिमी राजस्थान की सबसे बड़ी प्रदूषण समस्या का समाधान हो सकेगा और नए उद्योग लगने की राह भी आसान होगी। इस दौरान लद्यु उद्योग भारती के अखिल भारतीय सचिव नरेश पारीक, जोधपुर प्रान्त अध्यक्ष महावीर चौपड़ा, जयपुर प्रान्त अध्यक्ष महेन्द्र मिश्रा, कोषाध्यक्ष अरूण जाजोदिया, पूर्व जयपुर प्रान्त अध्यक्ष सुधीर गर्ग, जोधपुर प्रान्त संयुक्त महासचिव सुरेश कुमार विश्नोई साथ रहे।
600 किमी की लाइन बिछाई जाएगी जोधपुर, पाली से लेकर कच्छ के रण तक।
2000 के करीब टैक्सटाइल व स्टील उद्योगों की यूनिट जोधपुर, पाली, बालोतरा, जसोल में।
05 लाख से अधिक प्रत्यक्ष व परोक्ष रोजगार मिलता है।
1000 करोड़ से ज्यादा का प्रोजेक्ट है, जिसमें कुछ हिस्सा केन्द्र सरकार से भी लिया जाएगा।
1- राजस्थान के पुराने 37 औद्योगिक क्षेत्रों को रीको में हस्तान्तरित करने के विधानसभा में लम्बित बिल को पास करने की मांग रखी गई।
2- ब्यावर व भीलवाड़ा जिले में टाइल हब बनाने पर मंथन।
3- कृषि भूमि में रूपान्तरण के बाद म्यूटेशन भरने।
4- पचपदरा के पास रीको पेट्रोजोन हब विकसित करने की मांग।
5- माइनिंग क्षेत्र में पुन: ड्रोन सर्वे से समीक्षा करने।
6- पेट्रोजोन मे छोटे उद्यमियो को वाजिब दर पर औद्योगिक शेड लगाने की मदद।
7- कृषि मण्डी टैक्स व कृषक कल्याण सेंस को समाप्त करने की मांग।
8- रिसोर्ट व होटल को पूर्ण उद्योग का दर्जा देने।