Jodhpur News: थानाधिकारी सुरेश कुमार ने आइजी को फोन कर कहा कि वो उन्हें पकड़ने में नाकाम रहा। तब आइजी ने कहा कि वो ट्रोले के केबिन के पीछे बने गोपनीय चैम्बर में छिपे हैं।
आइजी रेंज की साइक्लोनर टीम ने आसोप थाना क्षेत्र में गांजा से भरा ट्रोला पकड़ने के साथ साथ पुलिस सभी तस्करों को भी पकड़ना चाहती थी, लेकिन अन्य तस्कर भाग निकले। तब आइजी (रेंज) विकास कुमार को एक तरकीब सूझी। उन्होंने आसोप थानाधिकारी सुरेश कुमार को कहा कि वो नाकाबंदी की जांच करने के लिए ट्रक में आ रहे हैं और नाकाबंदी तोड़कर जाएंगे।
ट्रक नहीं पकड़ा तो एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे हरकत में आए थानाधिकारी सुरेश कुमार चार पांच सिपाहियों के साथ देर रात हाईवे पर पहुंचे। इस दौरान नागौर की तरफ से ट्रोला आता नजर आया, जिसे पुलिस ने रोकने का इशारा किया, लेकिन चालक ट्रोले को भगाने का प्रयास करने लगा। पुलिस ने बैरियर लगाकर ट्रोला रोक लिया। घेराबंदी कर ट्रोले में सवार नरेश बिश्नोई व चेनाराम बिश्नोई को पकड़ लिया, लेकिन ट्रोले में आइजी साब नहीं मिले।
थानाधिकारी सुरेश कुमार ने आइजी को फोन कर कहा कि वो उन्हें पकड़ने में नाकाम रहा। तब आइजी ने कहा कि वो ट्रोले के केबिन के पीछे बने गोपनीय चैम्बर में छिपे हैं। थानाधिकारी ने चैम्बर चैक किया तो उसमें आइजी तो नहीं मिले, लेकिन उसमें भारी मात्रा में अवैध गांजा नजर आया।
आइजी विकास कुमार का कहना है कि गांजा तस्करी में छह जने शामिल थे। कार्रवाई का पता लगने पर सभी इधर-उधर भाग गए थे। दो आरोपी ही पकड़ में आए। इनसे पूछताछ में सामने आया कि जोधपुर सेंट्रल जेल में बंदी ने उड़ीसा से 506 किलो गांजा मंगवाया था। पुलिस ने बताया कि आरोपियों द्वारा गांजा परिवहन के लिए गांजे को खाकी कागज के पैकेट पर टैप लगाकर छोटे-छोटे पैकेट बनाए गए थे।