जोधपुर

Rajasthan News: पेंशनर्स को लगा बड़ा झटका, इतने शिक्षकों और कर्मचारियों को अब नहीं मिलेगी पेंशन, जानिए कारण

JNVU Jodhpur: राज्य सरकार ने नवम्बर 2021 में जेएनवीयू की इंजीनियरिंग फैकल्टी यानी एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज को अलग करके विश्वविद्यालय बना दिया, लेकिन एमबीएम के सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों और शिक्षकों की पेंशन बीते तीन साल में जेएनवीयू ही दे रहा था।

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Nov 19, 2024

Jodhpur News: जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की 23 अक्टूबर को हुई सिण्डीकेट बैठक में एमबीएम विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों को अक्टूबर महीने से ही पेंशन नहीं देने का निर्णय किया। इसके तहत एमबीएम विश्वविद्यालय के 274 शिक्षकों और कर्मचारियों की पेंशन रोक दी गई है। इनकी हर महीने 1.60 करोड़ पेेंशन बनती है। जेएनवीयू और एमबीएम विवि की आपसी खींचतान में पेंशन बंद होने से अब पेंशनर्स ने राज्यपाल का दरवाजा खटखटाया है। पेंशनर्स ने ज्ञापन भेजकर कहा है कि जेएनवीयू को ही फिर से पेंशन शुरू करने के आदेश दिए जाएं।

राज्य सरकार ने नवम्बर 2021 में जेएनवीयू की इंजीनियरिंग फैकल्टी यानी एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज को अलग करके विश्वविद्यालय बना दिया, लेकिन एमबीएम के सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों और शिक्षकों की पेंशन बीते तीन साल में जेएनवीयू ही दे रहा था। तीन साल में जेएनवीयू, जोधपुर ने पचास करोड़ रुपए एमबीएम के पेंशनर्स को दिए। अब जेएनवीयू के खुद के कार्मिकों को पेंशन देने के लिए बार-बार रुपए उधार लेने पड़ रहे हैं। इसलिए एमबीएम के पेंशनर्स को भविष्य में पेंशन नहीं देने का निर्णय किया।

50 करोड़ की आय बंद

जेएनवीयू का कहना है कि उसके इंजीनियरिंग व आर्किटेक्चर संकाय यानी एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज निष्क्रिय हो जाने के कारण लगभग 50 करोड़ की आय बंद हो चुकी है। इस कारण पेंशन के लिए सालाना 20 करोड़ का ऋण ब्याज पर लेना पड़ रहा है। सिण्डीकेट मिनट्स के अनुसार चूंकि अस्थायी रूप से जेएनवीयू के इंजीनियरिंग संकाय से संबंधित आय के स्रोत जिनसे पूर्व में इंजीनियरिंग संकाय के पेंशनर्स को पेंशन दी जा रही थी, वर्तमान में एमबीएम विवि के पास है। इस कारण तत्काल प्रभाव से अक्टूबर माह से पेंशन का दायित्व एमबीएम विश्वविद्यालय को दिया जा रहा है।

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