Jaswantsagar dam: इससे पहले वर्ष 2007 में जसवंतसागर बांध ओवरफ्लो हुआ था। तब पाल का एक हिस्सा टूट गया था।
Jaswantsagar dam: सत्रह साल बाद शुक्रवार शाम पांच बजे जसवंतसागर बांध के पानी का गेज 26.50 फीट को छूते ही गंगा मैया के जयकारों के साथ प्रफुल्लित ग्रामीण नाचने लगे। ग्रामीणों ने सागर में ओढ़नी चढ़ाकर जलराशि का बधावणा किया। ढोल बजने के साथ गेर नृतक भी झूम उठे तो पाल के निकट मौजूद लोग एक-दूसरे को बधाइयां देने लगे। बांध के आसपास दिनभर उत्सव सा माहौल रहा। देर रात 11 बजे बांध से पानी छलक गया और तीन पिलरों से पानी निकलने लगा।
इससे पहले वर्ष 2007 में जसवंतसागर बांध ओवरफ्लो हुआ था। तब पाल का एक हिस्सा टूट गया था। उसकी मरम्मत करवाने के बाद इस बार बांध के पानी का गेज शुक्रवार शाम 26.50 फीट तक पहली बार पहुंचा है। अब रपट से किसी भी क्षण चादर चल सकती है।
रपट पर सिंचाई विभाग ने शीशम के पाट लगवाना शुरू कर दिया। भावी गांव के सरपंच सुराराम सीरवी के नेतृत्व में किसानों इसका विरोध किया। किसान उपखंड कार्यालय पहुंच गए। पाट लगाए जाने की सूचना उपखंड अधिकारी को मिली तो उन्होंने तत्काल जिला कलक्टर को जानकारी दी। कलक्टर ने अधीक्षण अभियंता को फटकार लगाकर बांध की रपट पर पाट नहीं लगाने के निर्देश दिए और लगाए गए पाट हटवा दिए।
जसवंतसागर बांध अपनी पूरी क्षमता के अनुरूप भर गया है। पानी का गेज 26.50 फीट तक पहुंचने के बाद एक हिस्से से पानी निकलने लगा। उसी से प्रफुल्लित ग्रामीणों ने नाच-गा कर खुशी मनाई।