Rajasthan Refinery Update : बालोतरा जिले के पचपदरा में प्रस्तावित मेगा रिफाइनरी को एक बार फिर अगली तारीख मिल चुकी है। दूसरी तरफ इस देरी की वजह से 500 उद्योग और बीस हजार नौकरियां बैचेन हैं, और बेसब्री से इंतजार कर रही हैं कि जल्द प्रस्तावित मेगा रिफाइनरी जमीन पर उतर आए।
Rajasthan Refinery Update : बालोतरा जिले के पचपदरा में प्रस्तावित मेगा रिफाइनरी को एक बार फिर अगली तारीख मिल चुकी है। पहले अगस्त 2025 में चालू करने के दावे थे, लेकिन अब संभावित शुरुआत जनवरी, 2026 तक खिसक गई है। इस देरी का असर न केवल रिफाइनरी परियोजना पर पड़ रहा है। राइजिंग राजस्थान में रिफाइनरी की आहट से ही हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव हस्ताक्षर हुए, लेकिन अभी इनको जमीन नहीं उतारा गया है।
यह रिफाइनरी प्रदेश की सबसे बड़ी परियोजनाओं में गिनी जाती है, साथ ही एक विशाल पेट्रो केमिकल जोन की भी योजना है। इस जोन में 500 से अधिक उद्योगों के स्थापित होने की उम्मीद थी, जिससे करीब 20 हजार नए रोजगार सृजित होने थे। रिफाइनरी की टाइमलाइन बार-बार बदलने से ये सारे एमओयू ’राइजिंग राजस्थान’ के कागजों तक ही सीमित रह गए हैं।
पचपदरा रिफाइनरी के आसपास विकसित किया जाने वाला पेट्रो केमिकल हब पश्चिमी राजस्थान की आर्थिक तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है। इसके तहत प्लास्टिक, फाइबर, पेंट, केमिकल्स, पैकेजिंग, फार्मा जैसे कई क्षेत्रों में छोटे-बड़े उद्योगों की स्थापना होनी है। रिफाइनरी के बिना कच्चा माल उपलब्ध नहीं होने के कारण निवेशक फिलहाल कदम खींचे हुए हैं।
जामनगर में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की ओर से 1999 में पहली रिफाइनरी शुरू की गई। इसके बाद 2008 में एक दूसरी और बड़ी रिफाइनरी भी जोड़ी गई। इसके आस-पास स्पेशल इकोनॉमिक जोन भी विकसित किया गया। रिफाइनरी की स्थापना के बाद जामनगर और आसपास के क्षेत्रों में भारी संख्या में पेट्रोकेमिकल, प्लास्टिक, पैकेजिंग, इंजीनियरिंग, लॉजिस्टिक्स और कंस्ट्रक्शन जैसे सहायक उद्योग विकसित हुए। यहां लाखों लोगों को रोजगार भी मिल रहा है।
रिफाइनरी परियोजना के चलते क्षेत्र में युवाओं में नौकरी की आशा जगी थी। आइटीआइ, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग जैसे कोर्स करने वाले छात्र इसे बड़े अवसर के रूप में देख रहे थे, लेकिन फिलहाल पूरा प्रोजेक्ट कागजों में है।