जोधपुर

AI के साइड इफेक्ट: ऐप से दो फोटो को मिलाकर बना रहे अश्लील वीडियो, युवा हो रहे डीप फेक के शिकार

Patrika Raksha Kavach: एआइ ऐप या टूल के उपयोग से कई काम आसान किए जा सकते हैं। लेकिन साइबर ठगी व ब्लैकमेल करने वाले लोग इसका दुरुपयोग कर रहे हैं।

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Jan 23, 2025

अविनाश केवलिया
जोधपुर। एआइ ऐप या टूल के उपयोग से कई काम आसान किए जा सकते हैं। लेकिन साइबर ठगी व ब्लैकमेल करने वाले लोग इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। जोधपुर सहित प्रदेश में लगातार ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं।

कई सेलिब्रिटी हैं, जिनके ऐसे एडिट किए वीडियो आपको सोशल मीडिया पर मिल जाएंगे। यह खतरे की घंटी है और यह कभी भी किसी को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

एक क्लिक में बदनाम करने की साजिश

कई ऐसे ऐप व टूल आ चुके हैं, जिनमें महज एक क्लिक पर ही किसी को बदनाम या दुष्प्रचार किया जा सकता है। एआइ के जरिए सेट टेम्पलेट व प्रीफॉर्म वीडियो में महज दो फोटो को एड कर एक क्लिक पर अश्लील कंटेंट बनाया जा रहा है।

केस 1: ब्लॉक किया तो बनाया फेक वीडियो

निजी कॉलेज में पढ़ने वाली एक युवती को एक युवक कई दिनों से परेशान कर रहा था। उसने युवक को वाट्सऐप पर ब्लॉक किया तो सोशल मीडिया के मैसेंजर में डीप फेक से तैयार किया आपत्तिजनक वीडियो भेजा।

केस 2: सोशल मीडिया से फोटो उठाया

एक महिला को शादी से ठीक पहले पुराने परिचित दोस्त ने उसका सोशल मीडिया से फोटो उठा कर अपनी फोटो के साथ एडिट कर डीप फेक वीडियो बनाया। महिला डर गई, उसे लगा कहीं शादी पर खतरा न आ जाए।

30 से ज्यादा ऐप की रिपोर्ट

साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि पिछले करीब छह माह में ऐसे 30 से ज्यादा ऐप को रिपोर्ट किया गया है। खुद गूगल भी इनको हटा देता है। लेकिन दूसरी ओर सोशल मीडिया पर ऐसे ही ऐप व टूल के सजेशन भी मिल रहे हैं।


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दो लेयर का सुरक्षा चक्र रखना चाहिए

सोशल मीडिया को सुरक्षित करने की जरूरत है। दो लेयर का सुरक्षा चक्र रखना चाहिए। कई लोग अपने इंस्टा अकाउंट व फेसबुक पर जहां व्यक्तिगत जानकारी है उसे लॉक नहीं रखते। यहीं से डेटा ब्रीच होता है। डीप फेक एक बड़ी समस्या है। तुरंत साइबर क्राइम में रिपोर्ट करनी चाहिए।
रूपल माथुर, एआइ साइबर क्राइम विशेषज्ञ


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