
श्यामलाल चौधरी
नागौर। राजस्थान में नशे के अवैध कारोबार में पुलिस अधिकारियों एवं कार्मिकों की संलिप्तता बढ़ रही है। पिछले पांच-छह साल में ऐसे कई प्रकरण सामने आए हैं, जिनमें पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों की ड्रग्स तस्करी में शामिल पाए गए। कई तो छोटे- छोटे लालच में तस्करों को शह देते पकड़े गए।
पकड़ जाने पर उन्हें सस्पेंड किया गया लेकिन कुछ समय बाद बहाल हो गए और फिर तस्करी के काम में सहयोग करने लग गए। इनमें 66 प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें पुलिस विभाग के अधिकारी और कार्मिकों की संलिप्तता ड्रग्स तस्करी में पाई गई।
इसके अलावा सैकड़ों ऐसे मामले हैं, जो पकड़ में ही नहीं आए। नशे की तस्करी रोकने की जिन पर जिम्मेदारी है, वहीं इसे शह देकर कानून व्यवस्था बिगडऩे के साथ युवाओं के भविष्य भी जहरीला बना रहे हैं।
ड्रग्स की तस्करी के मामलों में संलिप्तता पाए जाने पर पुलिस विभाग के 58 अधिकारी/ कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया। इनमें से 23 को वापस बहाल कर दिया गया।
संलिप्त अधिकारी व कर्मचारियों पर तस्करों से पैसे लेकर छोड़ने के अलावा विभाग की गुप्त जानकारी तस्करों से साझा करने के आरोप हैं। कुछ पुलिसकर्मी तो तस्करों के साथ वाहनों से अफीम, स्मैक सहित अन्य मादक पदार्थ एवं नशीली गोलियां तस्करी करते पकड़े गए।
एक पुलिसकर्मी तो निलम्बन काल में स्मैक की तस्करी करते पकड़ा गया। एक तो उदयपुर से जोधपुर की बस में सफर के दौरान टिफिन में अफीम का दूध भर तस्करी करता पकड़ा गया।
वहीं, एक ने तो तस्करों को अवैध मादक पदार्थ तक उपलब्ध करवा दिया।एक पुलिसकर्मी ने फायरिंग कर भाग रहे तस्करों को रास्ता तक बताया और नाकाबन्दी से निकाला।
पांच वर्ष में ड्रग्स तस्करी संलिप्तता के मामलों में मात्र छह जिलों के नाम हैं। इनमें बालोतरा में एक, बीकानेर में तीन, गंगानगर में चार, प्रतापगढ़ में छह तथा चित्तौडगढ़ में 17 अधिकारी/ कर्मचारी संलिप्त पाए गए।
एक जनवरी 2019 से 31 दिसम्बर 2023 तक सबसे अधिक 6 प्रकरण चित्तौड़गढ़ में, 5 भीलवाड़ा में तथा 4-4 सिरोही व तृतीय बटालियन में दर्ज किए। इसी प्रकार जोधपुर-पाली में भी 3-3 प्रकरण दर्ज किए गए। टोंक, जयपुर, चूरू, करौली, बाड़मेर, उदयपुर, प्रतापगढ़ में एक से दो मामले दर्ज किए गए।
गृह विभाग अनुसार प्रदेश में एक जनवरी 2019 से 31 दिसम्बर 2023 तक ड्रग्स की तस्करी के मामलों में राजस्थान पुलिस के कुल 66 अधिकारियों और कार्मिकों की संलिप्तता मिली। इसके बाद विभाग ने 35 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी के विरुद्ध 31 प्रकरण तथा उक्त दर्ज प्रकरणों के अतिरिक्त 31 अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध ड्रग्स तस्करी के मामलों में विभागीय जांच शुरू की गई।
कानून सबके लिए एक है। पुलिसकर्मी हो या फिर अन्य सरकारी कर्मचारी। अपराधियों से मिलीभगत करने पर सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। उच्च स्तर पर इसके लिए निगरानी भी रखी जाती है।
-दिनेश एम एन, एडीजी क्राइम, राजस्थान
Published on:
22 Jan 2025 07:23 am
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