जोधपुर

जहां पुलिस फंस जाती, वहीं से शुरू होती थी ‘जैमा’ की जासूसी, अब थम गई सांसें, पुलिसकर्मियों में शोक की लहर

पुलिस का कहना है कि स्निफर डॉग जैमा खास सहयोगी रही थी। ड्रग्स तस्करों के ठिकानों पर छापे मारने के दौरान सर्च में महत्वपूर्ण योगदान रहता था।

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May 17, 2025

मादक पदार्थ की तस्करी, ब्लाइण्ड मर्डर व अन्य संगीन मामलों में पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर की सहयोगी रही स्निफर डॉग की मृत्यु हो गई। साढ़े आठ साल तक पुलिस का कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करने चलते पुलिस लाइन में तिरंगे से ढके स्निफर डॉग को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पुलिस सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया।

साढ़े आठ साल दिया साथ

पुलिस लाइन के रिजर्व निरीक्षक मोहम्मद शफीक खान के अनुसार फिमेल स्निफर डॉग जैमा पिछले साढ़े आठ साल से पुलिस का कंधे से कंधा मिलाकर साथी रही थी। वह कुछ समय से बीमार थी। पुलिस लाइन परिसर में तबीयत अधिक खराब होने पर शनिवार रात जैमा को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई। इसका पता लगते ही पुलिसकर्मियों में शोक की लहर छा गई।

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पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी

शनिवार सुबह पुलिस लाइन परिसर में तिरंगे में लिपटे स्निफर डॉग के शव को सभी अधिकारियों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद लाइन में ही पुलिस व राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। मातमी धुन बजाई गई और हथियार नीचे रखकर शोक व्यक्त किया गया।

ब्लाइण्ड मर्डर, ड्रग्स की सर्च में थी सहयोगी

पुलिस का कहना है कि जैमा पुलिस के लिए खास सहयोगी रही थी। ड्रग्स तस्करों के ठिकानों पर छापे मारने के दौरान सर्च में महत्वपूर्ण योगदान रहता था। इसके अलावा ब्लाइण्ड मर्डर व अन्य संगीन मामलों की जांच में भी उसकी मदद ली जाती थी।

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