चम्बल नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है।
करौली में कोटा बैराज से चम्बल नदी में पानी छोडने के बाद जिले के मण्डरायल-करणपुर इलाकों में चम्बल नदी ने रौद्र रूप धारण किया हुआ है। अब चम्बल नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है। मंगलवार रात को नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार कर चुका था, लेकिन रात में पानी बढऩे के बाद अब खतरे के निशान के काफी ऊपर बह रही है। नदी का चेतावनी स्तर 164 मीटर है, जबकि खतरे का स्तर 165 मीटर पर है।
बुधवार सुबह 10 बजे नदी का जलस्तर 167.0.6 मीटर पर पहुंच गया। ऐसे में चम्बल में बढ़ता पानी दर्जनों गांवों के हजारों ग्रामीणों के लिए आफत बन गया है। तटीय क्षेत्र के गांवों में पानी भर गया है। मण्डरायल क्षेत्र के टोडी गांव के ग्रामीणों को एसडीआरएफ टीम सुबह से रेस्क्यू करने में जुटी है। ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं।
चम्बल में बढ़ते पानी को लेकर प्रशासन अलर्ट हैं और अधिकारी लगातारी निगरानी बनाए हुए हैं। साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों के ग्रामीणों को सतर्कता बरतने को लेकर समझाइश की जा रही है। गौरतलब है कि चम्बल का उच्चतम बाढ़ स्तर 170.05 मीटर है।
चम्बल में बढ़ते पानी के मद्देनजर मंडरायल क्षेत्र के आधा दर्जन गांवो को खाली करवाने की प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। प्रशासन की मौजूदगी में बचाव दल द्वारा गांवों को खाली करवाकर सुरक्षित स्थान पर ठहरने व खाना पानी की व्यवस्था की जाएगी। बुधवार सुबह चंबल नदी में उफान के चलते गांवों में पानी भरना शुरू होते ही प्रशासन अलर्ट मोड़ पर आया। तहसीलदार कमलचंद शर्मा बचाव दल को साथ लेकर टोडी गांव पहुंचे और एसडीआरएफ की मदद से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में जुटे हैं।
नायब तहसीलदार शीशराम रांचौली गांव, विकास अधिकारी विजय सिंह मीना मोंगेपुरा बूढ़ीन, उपखंड अधिकारी कैमकच्छ मल्हापुरा पहुंचकर ग्रामीणों को निकलवाने के प्रयासों में जुटे हैं।
| समय | जलस्तर (मीटर में) |
| सुबह 6 बजे | 165.91 |
| सुबह 7 बजे | 166.27 |
| सुबह 8 बजे | 166.54 |
| सुबह 9 बजे | 166.84 |
| सुबह 10 बजे | 167.06 |