कटनी जिला खनिज संपदा और पर्यटन की दृष्टि से नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है, जहां ढीमरखेड़ा के सालारपुर-नवलिया क्षेत्र में बेसमेटल और स्लीमनाबाद के पड़वार क्षेत्र में आयरन-मैंगनीज ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया शुरू होने से औद्योगिक निवेश और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, साथ ही रेयर अर्थ एलिमेंट की संभावनाएं जिले को तकनीकी उद्योगों के मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिला सकती हैं, वहीं शहर के मध्य स्थित पुरानी खदानों को इको-टूरिज्म, जल क्रीड़ा और मनोरंजन केंद्र के रूप में विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे आर्थिक विकास, स्थानीय युवाओं को रोजगार और जिले की समग्र पहचान को नई मजबूती मिलेगी।
शिवप्रताप सिंह @ कटनी. खनिज संपदा और पर्यटन की दिशा में कटनी जिला अपार संभावनाओं से भरा हुआ है। जिले के कई इलाकों में हाल के वर्षों में खनिजों के नए भंडार मिलने के बाद विकास की नई राह खुल रही है। विशेष रूप से तहसील हीमरखेड़ा और स्लीमनाबाद क्षेत्र में हुए सर्वे ने जिले को खनिज मानचित्र पर नई पहचान देने का रास्ता बना दिया है।
जिले की तहसील ढीमरखेड़ा के ग्राम सालारपुर, नवलिया क्षेत्र में करीब 350 हेक्टेयर भूमि में बेसमेटल (कॉपर, लेड और जिंक) के भंडार मिले हैं। इन खनिजों के मिलने के बाद यहां खनिज नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। भू-वैज्ञानिकों के अनुसार, यह इलाका खनिज दृष्टि से बेहद समृद्ध है और यहां औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की बड़ी संभावना है। कॉपर और जिंक जैसे खनिज इलेक्ट्रॉनिक्स, निर्माण और ऊर्जा क्षेत्रों में उपयोगी हैं, जिनकी मांग तेजी से बढ़ रही है। आदिवासी बाहुल्य एरिया में यदि औद्योगिक इकाइयों की स्थापना होती है तो आदिवासियों का विकास होगा और बड़ी संख्या में बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा।
जिले की तहसील स्लीमनाबाद के ग्राम पडवार क्षेत्र में आयरन और मैंगनीज अयस्क के भी व्यापक भंडार मिले हैं। इस क्षेत्र को भी नवीन खनिज ब्लॉक के रूप में चिन्हित कर नीलामी प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन खनिजों के दोहन से न केवल जिले की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।
खनिज सर्वेक्षण में यह तथ्य भी सामने आया है कि जिले में रीयर अर्थ एलिमेंट की भी संभावनाएं मौजूद हैं। यह तत्व आधुनिक तकनीकी उद्योगों, विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहन, मोबाइल, और रक्षा उपकरण निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि इन तत्वों की उपस्थिति की पुष्टि होती है तो कटनी प्रदेश के प्रमुख खनिज केंद्रों में शामिल हो सकता है। विदित हो कि हाल ही में प्रथम चरण में कटनी और जबलपुर जिलों से एकत्र किए गए खनिज नमूने आईआईएसईआर के वैज्ञानिकों को औपचारिक रूप से सौंपे गए। प्रमुख सचिव खनिज संसाधन उमाकांत उमराव एवं डीजीएम फ्रैंक नोबल ए. ने संभावित रेयर अर्थ मिनरल्स वाले इन नमूनों को आईआईएसईआर के विशेषज्ञ दल को उपलब्ध कराया है।
खनिज संसाधनों के अलावा पर्यटन के क्षेत्र में भी शहर के पास असीम अवसर हैं। जिले के मध्य से होकर गुजरने वाले पुराने खदान क्षेत्र अब पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किए जाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जिला प्रशासन ने इन खदानों के सौंदर्यीकरण और जल संरक्षण की योजना तैयार की है। प्रस्तावित योजना के तहत इन स्थानों पर जल क्रीड़ा पर्यटन (वाटर स्पोर्ट्स) की गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं, जिससे यह क्षेत्र स्थानीय एवं बाहरी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन सकता है।
अधिकारियों के अनुसार शहर के मध्य स्थित पुरानी खदानें अब अपनी पहचान बदलने को तैयार हैं। पहले जहां इन खदानों में खनिज दोहन होता था, वहीं अब उन्हें इको-टूरिज्म और एंटरटेनमेंट हब के रूप में विकसित किया जाएगा। योजना के अनुसार इन जलाशयों के आसपास ट्रैकिंग, बोटिंग और सांस्कृतिक आयोजन स्थल विकसित किए जाएंगे। हाल ही में नगरनिगम व खनिज विभाग ने शहर में ऐसी दो खदानों को भी चिन्हित किया है।