Daughter lit the funeral pyre of her mother
कटनी. जिले की बहोरीबंद तहसील के ग्राम पंचायत गोरहा स्थित ग्राम रक्सेहा में एक भावनात्मक घटना सामने आई है। यहां एक बेटी ने बेटे का फर्ज निभाते हुए अपनी मां का अंतिम संस्कार किया और उन्हें मुखाग्नि दी। तहसील की ग्राम पंचायत गौरहा के पोषित गांव रक्सेहा में शनिवार को पुत्री ने बेटे का फर्ज निभाते हुए अपनी मां को मुखाग्नि दी। ग्रामीणों ने बताया कि लडक़ी के पिता ओमप्रकाश अग्रवाल का पहले ही निधन हो गया था और शनिवार को माता कृष्णा अग्रवाल (65) का भी निधन हो गया। इनके कोई पुत्र नहीं होने के कारण अंतिम संस्कार के लिए बेटी को आगे आना पड़ा। बेटी पूनम अग्रवाल (27) ने दिल्ली से गांव पहुंचकर अपनी मां का हिन्दू रीति रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार की क्रिया को सम्पन्न किया।
बता दें कि इससे पहले उनके पति ओमप्रकाश अग्रवाल का भी देहांत हो चुका था। परिवार में कोई पुत्र न होने के कारण उनकी बेटी ने समाज की परंपराओं को तोड़ते हुए अंतिम संस्कार की सभी रस्में पूरी कीं। हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार आमतौर पर अंतिम संस्कार की क्रिया पुत्र द्वारा ही सम्पन्न कराई जाती है, लेकिन इस बेटी ने समाज के सामने नई मिसाल पेश की। उसने न केवल माता को मुखाग्नि दी बल्कि अंतिम संस्कार की सभी विधियों को भी पूरी श्रद्धा से निभाया।
गांव में चर्चा, लोगों ने सराहा
इस घटना के बाद पूरे गांव में चर्चा है कि बेटियां भी बेटों की तरह हर जिम्मेदारी निभाने में सक्षम हैं। गांव के लोगों ने बेटी की हिम्मत और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना की और इसे समाज के लिए प्रेरणादायक उदाहरण बताया। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि समाज में बेटियों को समान अधिकार और सम्मान दिया जाना चाहिए। यह घटना न केवल परंपराओं को तोडऩे वाली है बल्कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को भी एक मजबूत संदेश देती है कि बेटियां किसी से कम नहीं।