Katni- कटनी में नेशनल लोक अदालत में जुड़े टूटे दिल, पिता पुत्री में हुई सुलह
Katni- मां पिता में अलगाव की वजह से घर टूट रहे हैं, रिश्ते नाते बिखर रहे हैं। यहां तक कि खून के रिश्तों में भी कड़वाहट आती जा रही है। ऐसे दौर में भी आखिरकार संवेदनाओं की जीत होती है। कटनी में नेशनल लोक अदालत में मानवीय संबंधों की एक ऐसी ही मिसाल सामने आई। एक बेटी अपने पिता से रूठी हुई थी और उनसे हर्जाना मांग रही थी। वह बेहद गुस्से में थी पर उसे देख पिता का दिल पसीज गया। उन्होंने न केवल बेटी की मांग मानी बल्कि कन्यादान करने का भी वादा किया। बाद में दोनों खुशी खुशी विदा हुए।
जिला न्यायालय परिसर एवं ग्रामीण खंडपीठों सहित कटनी नगर निगम में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस दौरान आपसी रजामंदी से सैकड़ों प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश के नेतृत्व में लोक अदालत का शुभारंभ किया गया।
कटनी में अलग-अलग केस की सुनवाई के लिए अनेक खंडपीठें बनाई गई हैं। लोक अदालन के दौरान विद्युत विभाग, बैंकों सहित अन्य प्रकरणों का निराकरण आपसी समझौते से किया गया। इस दौरान लाखों रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई।
लोक अदालतों में पारिवारिक प्रकरणों के निपटारे पर खासा जोर दिया गया। ऐसे 20 प्रकरणों में पति पत्नी के बीच चल रही तकरार पर सुनवाई हुई। इस दौरान खंडपीठों ने दंपत्तियों को समझाइश दी जिसका खासा असर भी हुआ। 4 परिवार आपसी सहमति से दोबारा साथ रहने के लिए राजी हो गए।
पारिवारिक प्रकरणों की सुनवाई के दौरान एक ऐसा मामला सामने आया जिसने मानवीय संबंधों की मजबूती का उदाहरण प्रस्तुत किया। एक बेटी ने अपने पिता के खिलाफ भरण पोषण का केस लगाया था। वह पिता से रुष्ट थी और नाना नानी के यहां रह रही थी। लोक अदालत में बेटी को परेशान देख पिता पसीज उठे। वे उसकी मांग पूरी करने के लिए तैयार हो गए।
अदालत की समझाइश का खासा असर दिखाई दिया। बेटी और पिता में सुलह हो गई। इस दौरान पिता ने बेटी को हर माह 3 हजार रुपए देने का वादा किया। उन्होंने विवाह का खर्च उठाने की भी बात कही। इतना ही नहीं, पिता ने बेटी का कन्यादान करने का भी वादा किया।