Historic Ravana Dahan of india
कटनी. कैमोर में आयोजित होने वाला ऐतिहासिक रावण दहन देशभर में प्रसिद्ध है। इस वर्ष यहां 105 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन 8 फीट लंबे इलेक्ट्रिक बाण से किया गया। जैसे ही रामलीला मंचन से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने तीर छोड़ा वह रावण की नाभि में जा लगा और रावण धू-धूकर जल उठा। इस भव्य आयोजन को देखने के लिए देशभर से हजारों लोग कैमोर दशहरा मैदान पहुंचे। वाराणसी से आई रामलीला मंडली ने भगवान श्रीराम के चरित्र का जीवंत वर्णन किया और लंकापति रावण का अंत किया। रावण दहन के लिए मंच से 300 मीटर दूर बने रावण के पुतले पर 8 फीट लंबे इलेक्ट्रिक बाण को छोड़ा गया, जो वायर के माध्यम से रावण के नाभि में जा लगा, और देखते ही देखते रावण जल उठा। कार्यक्रम में विशेष विधायक संजय पाठक भी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि पिछले 78 वर्षों से यह रामलीला मंचन और रावण दहन अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। तीनों लोकों के विजेता रावण ने अहंकार के कारण सबकुछ पतन हो गया। विधायक, सांसद, विधायक, मंत्री कोई भी हो, अहंकार नहीं होना चाहिए। लोगों सिर्फ दशहरा न देखें बल्कि भगवान श्रीराम के नौ देवियों की अराधना की है। प्रभु के जीवन लीला को अनुशरण करें। पूर्व में 150 फीट तक रावण दहन का कार्यक्रम हुआ है।
एक माह से चल रही थी तैयारी
एसीसी कंपनी के हेड वैभव दीक्षित ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश का सबसे ऊंचा रावण 105 फीट का बनाया गया। डबल लेयर फेंसिंग के साथ तैयार कराते हुए सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष फोकस कियागया। सुरक्षा को लेकर एक माह पहले से तैयारी व मॉकड्रिल किया गया। इस आयोजन में पुलिस-प्रशासन का भी सहयोग मिला।