MP News: एमपी के प्राचीन मूछ वाले हनुमान जी के मंदिर पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। जर्जर हो रहा ऐतिहासिक किला लगातार टूट रहा है, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।
Mooch Wale Hanumanji Temple:मध्य प्रदेश के कटनी जिले की ग्राम पंचायत कन्हवारा में स्थित ऐतिहासिक हनुमानगढ़ किला (Hanumangarh Fort) इन दिनों अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। सैकड़ों वर्षों पहले राजा-महाराजाओं द्वारा निर्मित यह किला अब धीरे-धीरे टूटता जा रहा है।
ग्राम पंचायत की अनदेखी और रखरखाव की कमी के चलते किले की दीवारों और गुंबजों से एक-एक कर पत्थर निकलने लगे हैं। किले के सामने बने विशाल गुंबज के कई पत्थर पहले ही निकल चुके हैं, जिससे उसकी छत में जगह-जगह दरारें पड़ गई हैं। ग्रामीणों को आशंका है कि यदि इसी तरह पत्थर निकलते रहे तो गुंबज पूरी तरह ढह सकता है। (mp news)
स्थानीय निवासियों का कहना है कि किला क्षेत्र को संरक्षित रखने के लिए पंचायत द्वारा कुछ वर्ष पहले लाखों रुपए की लागत से बाउंड्री वॉल बनाई गई थी, लेकिन उसके बाद से किले की वास्तविक देखरेख नहीं की गई। अब हालत यह है कि कई चिन्हित पत्थर गायब हैं, जिनके निकाले जाने का पता तक पंचायत को नहीं है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि आखिर इतने बड़े ऐतिहासिक स्थल से पत्थर कौन निकाल रहा है और क्यों प्रशासन मौन है।
किले परिसर में स्थित प्रसिद्ध 'मूंछ वाले हनुमानजी का मंदिर क्षेत्र के लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। हर मंगलवार और शनिवार को यहां सैकड़ों श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए दूर-दूर से आते हैं। लेकिन टूटते किले और गिरते पत्थरों के कारण अब मंदिर परिसर की सुरक्षा पर भी संकट मंडरा रहा है। भक्तों ने आशंका जताई है कि यदि स्थिति नहीं सुधरी, तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
संरक्षण की मांग-ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत और प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि इतिहास से जुड़ा यह किला हमारी पहचान है। यदि इसकी मरमत और सुरक्षा के उपाय नहीं किए गए, तो आने वाली पीढ़िया सिर्फ नाम भर जानेंगी कि कभी यहां किला हुआ करता था। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पुरातत्व विभाग या जिला प्रशासन को इस किले को संरक्षित धरोहर घोषित कर इसकी देखरेख की जिमेदारी अपने हाथों में लेनी चाहिए।
प्रशासन से रखी यह मांग-स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस विषय पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि कन्हवारा किला न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है बल्कि आस्था और पर्यटन दोनों के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थल है। यदि समय रहते इसकी मरमत नहीं की गई तो यह धरोहर हमेशा के लिए मिट सकती है।
कन्हवारा का यह किला मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक माना जाता है, लेकिन ग्राम पंचायत की लापरवाही और रखरखाव के अभाव के कारण यह अब धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खो रहा है। प्रशासन और पुरातत्व विभाग को चाहिए कि इस धरोहर को बचाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इस गौरवशाली इतिहास को देख और जान सकें।