धीमी गति से चल रहा सीवर लाइन का काम, 3 किलोमीटर से अधिक का रोड रेस्टोशन बकाया, बारिश में बनेंगे दलदल के हालात
कटनी. शहर में आठ साल से सीवर लाइन का काम चल रहा है, अभी पहले फेज का काम 70 फीसदी भी नहीं हुआ। एसटीपी प्लांट भी कछुआ चाल से बन रहे हैं। कुछ माह से नगर निगम द्वारा मॉडल रोड में सीवर लाइन का काम कराया जा रहा है। तीन दिनों से बरगवां प्लाईओवर से कटायेघाट मोड़ तक वन-वे करते हुए सडक़ खुदाई का काम ठेका कंपनी से शुरू कराया गया। मानसून सिर पर होने के कारण बारिश में गंभीर समस्या होती, इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारी सक्रिय हुए और इस काम पर तत्काल रोक लागने के आदेश दिए। एसडीएम ने यहां पर काम कराए जाने पर रोक लगा दी है।
जानकारी के अनुसार जयंती सुपर कंपनी को 130 किलोमीटर में सीवर लाइन डालने का काम करना था। अभी तक ठेका कंपनी ने दो साल में 68 किलोमीटर लाइन का काम कराया है। अभी शहर के कई हिस्सों में सीवर लाइन काम बचा हुआ है। कंपनी द्वारा मंथन गति से काम किया जा रहा है, जिससे अभी डेढ़ से दो साल तक लोगों की मुश्किलें कम नहीं होने वालीं। अफसरों द्वारा ठीक से निगरानी न कराने, ठेका कंपनी पर कार्रवाई न किए जाने के कारण मनमानी जारी है।
नगर निगम द्वारा बरगवां ब्रिज से कटाएघाट मोड़ तक डाली जा रही सीवेज लाइन के कार्य पर प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। एसडीएम प्रदीप मिश्रा ने यह निर्णय मौसम विभाग के आगामी बारिश के पूर्वानुमान और आम जनता की असुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया है। एसडीएम ने निर्माण कार्य में लगी एजेंसी को निर्देशित किया है कि कार्य के दौरान सडक़ में किए गए गड्ढों को तत्काल भरकर समतलीकरण कराया जाए और सडक़ को पूरी तरह ठीक किया जाए, ताकि वर्षाकाल के दौरान किसी प्रकार की दुर्घटना या अव्यवस्था न हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि बारिश के मौसम में कटनी शहर में प्रवेश के लिए प्रमुख मार्गों पर जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है, विशेषकर सागर पुलिया क्षेत्र में। ऐसे में यातायात को सुचारु बनाए रखने हेतु कटाएघाट मोड़ और बरगवां ब्रिज मार्ग का उपयोग वैकल्पिक रूप से किया जाता है। यदि यहां कार्य जारी रहा तो आपात स्थिति में यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा सकती है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में इस कार्य के चलते कटाएघाट मोड़ से बरगवां ब्रिज की सडक़ को आंशिक रूप से बंद कर दिया गया था, जिससे यातायात को एकतरफा यानी वन-वे व्यवस्था के तहत संचालित किया जा रहा था। इसका सीधा असर आमजन पर पड़ा और उन्हें खासकर शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। प्रशासन का यह निर्णय वर्षाकाल में संभावित जलभराव, ट्रैफिक जाम और किसी भी प्रकार की दुर्घटना की आशंका को देखते हुए लिया गया है। एसडीएम मिश्रा ने निर्देश दिए हैं कि सीवेज कार्य अब वर्षा समाप्त होने के बाद ही पुन: शुरू किया जाए।
बता दें कि ठेका कंपनी जयंती सुपर के साथ शहर के आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर सीवर लाइन का काम किया जा रहा है। सबसे ज्यादा व बड़े काम बरगवां, कटायेघाट रोड, माधवनगर में अमीरगंज तालाब के पास सहित अन्य स्थानों पर काम चल रहा है
शहर में तीन स्थानों पर सीवरेज लाइन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट इसी योजना के तहत बनवाए जा रहे हैं। एसटीपी-1 पीडब्ल्यूडी कॉलोनी के पास माधवनगर में बन रहा है, नगर निगम का दावा है कि इस अक्टूबर-नवंबर माह में शुरू किया जाएगा। एसटीपी-2 कटायेघाट में अभी सिर्फ 35 प्रतिशत ही काम हुआ है। एसटीपी-3 पन्ना मोड़ में भी धीमी गति से काम चल रहा है।
सीवर लाइन की ठेका कंपनी को बारिश के पूर्व रोड रेस्टोरेशन व कॉम्पेक्टिंग का काम कराना है। अधिकांश जगह कराया दिया गया है। अभी लगभग 3 किलोमीटर का काम रेस्टोरेशन का बचा है। एक सप्ताह के अंदर कंपनी को सुधार कराना हेगा, नहीं तो बारिश में गंभीर समस्या होगी।
बरगवां में कई माह पहले सीवर लाइन डाली जा चुकी है। यहां पर कई माह से लोग धूल के गुबार फांक रहे हैं। पानी का छिडक़ाव भी कम मात्रा में हो रहा है। दिन में व रात में धूल उड़ती है। यहां पर रोड रेस्टोरेशन न कराए जाने के पीछे नगर निगम के अधिकारियों का तर्क है कि गहरी और चौड़ी खुदाई होने के कारण बारिश में सडक़ बैठक लेगी इसलिए बारिश के बाद सडक़ बनवाई जाएगी।