शहर में नगर निगम के माध्यम से संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना बनी गरीबों के लिए गले की फांस
कटनी. प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में लंबे समय से पक्के घर का सपना देखने वाले गरीब परिवारों की उम्मीदें टूटती नजर आ रही हैं। वर्षों से कच्चे मकानों, झुग्गी-झोपडिय़ों व अस्थायी ठिकानों में रहने वाले लोगों ने जब केंद्र सरकार की इस योजना के माध्यम से पक्का आवास मिलने की उम्मीद जगाई, तब लगा था कि अब उनका भी एक सुरक्षित घर होगा। जिले में अब तक एक लाख 10 हजार से अधिक ग्रामीण व शहरी हितग्राहियों को अपने पक्के आशियाने मिल चुके हैं, लेकिन नगर निगम क्षेत्र में स्थिति इसके बिल्कुलल उलट है।
नगर निगम ने पीएम आवास योजना अंतर्गत 160 हितग्राहियों को पहली किश्त तो दे दी, लेकिन दूसरी किश्त जारी नहीं की। इससे कई हितग्राहियों के मकान अधूरे रह गए, वहीं कई ने बैंक से कर्ज लेकर घर पूरा तो बनवा लिया, लेकिन नगर निगम के अफसर उनके मकान को अधूरा बताकर उल्टा रिकवरी का नोटिस जारी कर रहे हैं। इन 160 हितग्राहियों पर 160 लाख रुपए की वसूली का नोटिस जारी कर दिया गया है। नगर निगम की इस कार्रवाई से गरीबों में हडक़ंप मचा हुआ है। कई हितग्राही पिछले कई दिनों से अफसरों के चक्कर काटते फिर रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि नोटिस के बाद नगर निगम ने बिना सूचना दिए हितग्राहियों के बैंक खातों से राशि काटना शुरू कर दिया है। जिन खातों में 10 से 20 हजार रुपए जमा थे, वे खाते अब निल बैलेंस हो गए हैं। इससे परिवारों का रोजमर्रा का खर्च चलाना भी कठिन हो गया है।
नगर निगम ने 300 ऐसे हितग्राहियों को भी नोटिस जारी किया है जिनके मकान अब तक शुरू नहीं हुए हैं या निर्माण कुछ करके बंद कर दिए हैं। ऐसे में योजना का लाभ न मिलना भारी बोझ बन रहा है। बता दें कि 2016-17 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा गरीबों को पक्का घर देने के उद्देश्य से शुरू की गई यह योजना शहर में अपेक्षित परिणाम नहीं दे पा रही है, ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्र में प्रक्रिया कष्टकारी बन गई है। हितग्राहियों का कहना है कि पहली किश्त मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया, दूसरी किश्त समय पर नहीं मिलने से मकान अधूरे रह गए, अब नगर निगम उल्टा रिकवरी कर रहा है, बैंक खाते खाली होने से परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। प्रभावित परिवारों ने शासन-प्रशासन से जल्द हस्तक्षेप की मांग की है ताकि उन्हें इस संकट से राहत मिल सके।
नगर निगम पहुंची अनीता तिवारी पति राजकुमार तिवारी निवासी आचार्य विनोवा भावे वार्ड ने बताया कि 22 जून 2020 को पीएम आवास की पहली किश्त के रूप में एक लाख रुपए मिले थे, उन्होंने उससे काम कराया, फिर कई साल तक दूसरी किश्त नहीं मिली, उन्होंने बैंक से लोन लेकर मकान पूरा किया, लेकिन अब नगर निगम से एक लाख रुपए की रिकवरी ब्याज सहित वसूली का नोटिस तो भेज ही गया, साथ ही उनके खाते से 21 हजार 100 रुपए काट लिए गए हैं। यह पीड़ा सिर्फ अनीता की ही नहीं बल्कि 160 परिवार के समक्ष आ बनी है। ऐसे में इस योजना में बड़ी धांधली व मनमानी हितग्राहियों के लिए कंटक बन गई है।
वर्जन
किश्त लेकर पीएम आवास न बनवाने वाले हितग्राहियों से रिकवरी को लेकर शासन से निर्देश मिले है। इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। हितग्राहियों ने किश्त लेकर मकान क्यों नहीं बनवाया या फिर क्या हकीकत है, इसका पता लगाया जाएगा।
तपस्या परिहार, आयुक्त नगर निगम।