Serious problem of disabled husband and wife
कटनी. सरकार अंतिम छोर के व्यक्ति के कल्याण का दावा कर रही है, कई साल से जरुरतमंदों को नि:शुल्क राशन वितरण योजना चल रही है, पेंशन से लेकर लाड़ली बहना योजना व हर वंचितों का ध्यान रखने के सरकारी दावे के बीच मंगलवार को एक अलग ही मन को झकझोरने वाली तस्वीर सामने आया है। निवार समीप स्थित ग्राम पौनिया निवासी विजय बर्मन (54) पत्नी मीना बर्मन (50) दंपत्ति दोनों आंखों से दिव्यांग हैं। लाठी के सहारे जोखिम भरी राहों में इनके कदम चलते हैं। ये पति-पत्नी पिछले सात माह से दिव्यांगता के दंश के साथ सिस्टम की खामी का खामियाजा भुगत रहे हैं।
विजय के अनुसार सितंबर माह में मां पुलिया बाई के निधन हो जाने के बाद राशन मिलना बंद हो गया है। पत्नी के राशन कार्ड में समस्या होने के कारण दिव्यांगता पेंशन नहीं मिल पा रही। मां के राशन कार्ड में 35 किलो अनाज मिल जाता था, जिससे जीवन चल रहा था। भादो माह से राशन नहीं मिल रहा। कुल 600 रुपए पेंशन मिल रही है। भावुक होकर जिवय बर्मन ने कहा कि बस्ती से मांगकर भूख मिटाते हैं। कहीं पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
सरपंच-सचिव ने नहीं दिया ध्यान
पीडि़त दिव्यांग दंपत्ति ने कहा कि उनकी समस्या कई माह से है। कई बार मदद की गुहार लेकर ग्राम पंचायत के सरपंच सुनील यादव व सचिव हिम्मत सिंह सहित रोजगार सहायक राजेश चौधरी के पास गए, लेकिन आजतक सुनवाई नहीं की। समस्या हल न होने के कारण वे दिव्यांगता के साथ मोहताजगी भरा जीवन जीने को विवश हैं।
कई बार कलेक्ट्रेट में लगाई फरियाद
पत्रिका से चर्चा के दौरान दिव्यांग विजय बर्मन ने अपनी दिव्यांगता को कोसते हुए कहा कि गरीबों और लाचारों की कोई नहीं सुन रहा। विजय ने कहा कि वह कई बार जान जोखिम में डालकर उम्मीदों को लेकर कलेक्ट्रेट में आकर गुहार लगा चुका है, लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ भी हाथ नहीं लगा। मंगलवार को लगाई गई फरियाद में 20 दिन का इंतजार करने फिर आश्वासन दिया गया है।
वर्जन
यह मामला संज्ञान में आया है। इसमें तहसीलदार को राशन कार्ड बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। महिला के आधार कार्ड सुधार कराने भी कहा गया है। अबतक इन दंपत्ति की समस्या का समाधान क्यों नहीं हुआ, इस संबंध में जांच कराई जाएगी। राशन आदि के इंतजाम के लिए निर्देश दिए जाएंगे।
साधना परस्ते, एडीएम।