बिजली बचत और ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा कवायद, नलकूपों के लिए भी बनाया जा रहा पायलट प्रोजेक्ट
नगर निगम में 100 एचपी का सोलर ग्रिड सिस्टम स्थापित किया जाएगा। बिजली में सब्सिडी और राहत पाने के लिए यह पहल की जा रही है। सोलर पैनल के माध्यम से इस सिस्टम को स्थापित करने के लिए नगर निगम ने 50 लाख रुपए का प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य नगर निगम की हर माह होने वाली विद्युत खपत में खर्च होने वाली राशि को कम करना है। वर्तमान में नगर निगम को औसतन का यदि 60 हजार रुपये प्रति माह बिजली का बिल चुकाना पड़ रहा है। इस खर्च को 75 फीसदी तक कम करने के लिए सोलर ग्रिड सिस्टम लगाने की योजना बनाई गई है।
नगर निगम द्वारा बिजली कंपनी को दी जाने वाली राशि को कम करने और ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। हाल ही में यह सामने आया कि बिजली कंपनी द्वारा नगर निगम को 11 लाख रुपए से अधिक का बिल भेजा जा रहा है, जिससे नगर निगम को आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। इस संबंध में आयुक्त द्वारा बिजली कंपनी को किए गए पत्राचार के बाद से हडक़ंप मच गया है।
नगर निगम द्वारा शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए नलकूपों में लगे 10 से 15 एचपी के पंपों को सोलर पैनल से संचालित करने के लिए सर्वे कराया गया है। यह पहल पहले चरण में 10 स्थानों पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत की जाएगी। इस योजना में लगभग 15 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। नगर निगम आयुक्त ने उपयंत्री मृदुल श्रीवास्तव को इस संबंध में सर्वे कर डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
100 एचपी का सोलर ग्रिड सिस्टम लगने से नगर निगम का बिजली खर्च कम होगा। वर्तमान में हर माह 60 हजार रुपये का बिजली बिल आता है, जो सौर ऊर्जा से काफी हद तक कम हो सकता है। ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलने से पर्यावरण संरक्षण में योगदान मिलेगा। नलकूपों में सौर ऊर्जा आधारित पंपों से पानी की आपूर्ति होगी, जिससे बिजली बचत होगी।
नीलेश दुबे, आयुक्त नगर निगम ने कहा कि नगर निगम द्वारा बिजली बचत के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। 100 एचपी का सोलर ग्रिड सिस्टम लगाने योजना है। इससे बिजली खर्च में कमी आएगी और ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही 10 नलकूपों को सौर ऊर्जा से संचालित करने के लिए भी योजना बनाई गई है, जिससे नगर निगम के बिजली खर्च में बचत होगी।