दिखावे की सफाई से सजा शहर, दिल्ली से आई टीम ने किया निरीक्षण, रैंक सुधारने नगर निगम की भागदौड़ तेज
कटनी. स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 के अंतर्गत दिल्ली से आई विशेष टीम ने बुधवार को कटनी शहर का निरीक्षण किया। टीम ने शहर के कई वार्डों में जाकर ओडीएफ प्लस प्लस की स्थिति, सडक़ों की सफाई, शौचालयों की व्यवस्था, रोड स्वीपिंग मशीन, मड मशीन और फॉगिंग मशीन की कार्यप्रणाली का अवलोकन किया। साथ ही नागरिकों से फीडबैक भी लिया गया। टीम द्वारा सर्वे, फीडबैक, रेंडम नंबर से भी फीडबैक लिया जा रहा है, मार्किंग की जा रही है।
नगर निगम लंबे समय से इस सर्वेक्षण की तैयारी में जुटा हुआ था। दिसंबर 2024 में स्वच्छता पोर्टल पर फाइव स्टार रेटिंग और ओडीएफ प्लस प्लस के लिए आवेदन किया गया था। दस्तावेजी जांच में नगर निगम सफल हो गया, अब ग्राउंड रियलिटी परखने टीम शहर पहुंची है। नगर निगम के आयुक्त से लेकर कर्मचारी तक पूरी ताकत झोंक रहे हैं कि शहर चकाचक दिखे।
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए पहले नगर निगम की सहयोगी संस्था ओमसाईं विजन द्वारा फीडबैक लिया गया था, जिसमें लोगों से जबरन प्रतिक्रियाएं ली जा रही थीं। शहर की मुख्य सडक़ों पर भले ही सफाई व्यवस्था दुरुस्त हो, लेकिन कॉलोनियों और उपनगरीय इलाकों में गंदगी, जाम नालियां और गंदे प्लॉट अब भी चिंता का विषय बने हुए हैं। पडऱवारा में पड़ा 2 लाख मीट्रिक टन कचरे का पहाड़, नगर निगम के दावों की सच्चाई बयान कर रहा है।
नगर निगम ने सर्वेक्षण के लिए कई प्रकार के दस्तावेज सरकार को भेजे हैं। प्रसाधनों और कचरा गाडिय़ों की फोटो, कचरे से खाद बनाने की प्रक्रिया, शहर में धूल कम करने के उपाय, पेवर ब्लॉक, ग्रीनबेल्ट और बंद नालों की स्थिति, नियमित सफाई के प्रमाण, स्वच्छता दूतों की तैनाती और सुरक्षा आदि के दस्तावेज भेजे गए हैं, उनके आधार पर सर्वे चल रहा है।
कटनी शहर की स्वच्छता रैंकिंग बीते वर्षों में खास प्रभावशाली नहीं रही है। 2023 में 36वां स्थान (1 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में) 2022 में 33वां स्थान (1 लाख से 10 लाख की आबादी श्रेणी में) रहा है। 2024 की रैंकिंग निरीक्षण के बाद जारी की जाएगी।
नगर निगम रैंक सुधारने के लिए रात्रिकालीन सफाई बढ़ा रहा है। व्यापारिक क्षेत्रों में झाड़ू लगाना, कीटनाशक दवाओं का छिडक़ाव, नालियों की सफाई, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। प्रत्येक वार्ड में एक नोडल अधिकारी तैनात किया गया है ताकि निगरानी सख्त हो सके।
सरकारी और निजी भवनों, पेड़ों व खंभों पर नियमों की अनदेखी करते हुए पोस्टर चिपकाना आम बात है। लेकिन अब सर्वेक्षण टीम को प्रभावित करने नगर निगम जगह-जगह वॉलपेंटिंग करवाया है। सालभर फ्लैक्स और बैनर से शहर की सुंदरता बिगाडऩे वाले अधिकारी अब सजावट में जुटे हैं।
नगर निगम हर महीने सफाई व्यवस्था पर दो करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर रहा है। इसमें 400 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों का वेतन, सफाई सामग्री, मशीनरी की खरीद और जनजागरूकता अभियान शामिल हैं। इसके बावजूद शहर की सफाई व्यवस्था में अपेक्षित सुधार नहीं हो सका है। कटनी में स्वच्छता को लेकर नगर निगम के प्रयास सिर्फ कागजों और दिखावे तक सीमित नजर आते हैं। वास्तविकता में शहर की हालत कॉलोनियों और उपनगरीय क्षेत्रों में ज्यों की त्यों बनी हुई है। अब देखना होगा कि टीम की रिपोर्ट में कितनी सच्चाई सामने आती है और कटनी की रैंकिंग में क्या बदलाव होता है।
नगर निगम ने फाइव स्टार रेटिंग के लिए आवेदन किया है। टीम द्वारा एक से लेकर 7 स्टार तक रेटिंग की जा रही है। शहर में इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारी कमी होने के कारण अच्छी रेटिंग मिलना मुश्किल है। इसके लिए बेहतर सफाई के साथ पेवर ब्लॉक, नाली के ऊपर जालियां, सभी वार्डों में एमआरएफ सेंटर होने चाहिए। लगभग्र 46 पैरामीटर मानकों पर पालन होना चाहिए। हालांकि ननि के अफसरों को फाइव स्टार रेटिंग की संभावना है।
आडीएफ प्लस-प्लस उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल खुले में शौच से मुक्ति ही नहीं, बल्कि शौचालयों की संचालन क्षमता, स्वच्छता और मल प्रबंधन है
नीलेश दुबे, आयुक्त नगर निगम ने कहा कि शहर में स्वच्छता की टीम अपने मानकों पर औचक जांच कर रही है। ओडीएफ प्लस-प्लस व फाइव स्टार रेटिंग के लिए सर्वे चल रहा है। टीम सीधे रिपोर्ट दिल्ली करती है। शहर में हमेशा साथ-सुथरा रहे, यह व्यवस्था नगर निगम द्वारा सुनिश्चित की गई है।