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जल संरक्षण के लिए पहल: कुओं और नलकूपों से होगा वर्षा जल संचय, 160 जलस्रोत होंगे रिचार्ज

नगर निगम ने बनाई 39 लाख की कार्ययोजना

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कटनी

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Balmeek Pandey

Apr 08, 2025

Wells and tube wells will be recharged with rain water

Wells and tube wells will be recharged with rain water

कटनी. जल संकट और भूमिगत जलस्तर की गिरावट को देखते हुए नगर निगम कटनी ने जल संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। आयुक्त द्वारा शहर में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को प्रभावी रूप से लागू करने जा रहा है, जिसके तहत वर्षा जल को कुओं और नलकूपों के माध्यम से पुनर्भरण कर जलस्रोतों को सहेजा जाएगा।
नगर निगम द्वारा तैयार कार्ययोजना के अनुसार शहर के 100 नलकूपों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया जाएगा। इसके लिए 17 लाख रुपए का बजट तय किया गया है। साथ ही 60 पारंपरिक कुओं को रिचार्ज करने के लिए 22 लाख की अलग कार्ययोजना बनाई गई है। कुल 39 लाख की यह योजना शहर के जल भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

घरों में नहीं हो रहा नियम का पालन

नगर निगम द्वारा यह नियम है कि मकान निर्माण की अनुमति लेते समय रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए आवेदक से एक निश्चित राशि जमा कराई जाती है। तय किया गया है कि सिस्टम बन जाने के बाद राशि लौटाई जाएगी। लेकिन हकीकत यह है कि करीब 80 फीसदी घरों में इस नियम का पालन नहीं हो रहा। भवन स्वामी न तो सिस्टम बनवाते हैं, न ही राशि की वापसी का दावा करते हैं।

सरकारी भवनों में भी लापरवाही

रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की अनिवार्यता केवल निजी भवनों तक सीमित नहीं है। सरकारी भवनों में भी इसे लागू किया जाना चाहिए, लेकिन वहां भी हालात संतोषजनक नहीं हैं। कई शासकीय कार्यालयों में या तो यह प्रणाली है ही नहीं, या फिर नाममात्र की औपचारिकता निभाई गई है। वर्षा जल का संरक्षण न केवल पर्यावरणीय संतुलन के लिए जरूरी है। हर वर्ष मानसून में लाखों लीटर पानी व्यर्थ बह जाता है, जिसे यदि सही दिशा में मोड़ दिया जाए तो जल संकट से राहत मिल सकती है।

खास-खास:

  • बारिश के पानी को बचाने के लिए शुरुआत, नलकूप-कुओं में होगा वर्षा जल का भंडार
  • कटनी की धरती को जलमय बनाने तैयार की गई है योजना, बारिश का पानी बेकार बहने से रोका जाएगा।
  • वर्षा जल को सीधे जमीन के भीतर भेजने से जलस्तर सुधरेगा और सूखते हुए कुएं पुन: सक्रिय हो सकते हैं।
  • गर्मी के महीनों में जब पेयजल संकट गहराता है, तब हार्वेस्टिंग से संचित जल काम आता है।
  • वर्षा जल का उपयोग कर रोजमर्रा की जरूरतों के लिए नल का पानी कम इस्तेमाल होता है, जिससे पानी की बचत होती है।
  • बारिश का पानी यदि सतह पर एकत्र न होकर जमीन में चला जाए, तो जलभराव की समस्या नहीं होती।
  • कुएं, बावडिय़ों, नलकूप जैसे पुराने जलस्रोत पुनर्जीवित होते हैं और उनका महत्व फिर से बढ़ता है।
  • रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से बिजली और पानी के बिल में भी कमी आती है, क्योंकि मोटर चलाकर पानी खींचने की आवश्यकता घटती है।
  • पानी के प्राकृतिक चक्र को बनाए रखकर यह प्रणाली पर्यावरण को संतुलित रखने में सहायक होती है।

आयुक्त ने कही यह बात

नीलेश दुबे, आयुक्त नगर निगम ने कहा कि जल संरक्षण नगर निगम की पहली प्राथमिकता है। हम रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को हर स्तर पर लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नागरिकों से भी आवाहन किया जाएगा कि वे अपने घरों में यह सिस्टम जरूर बनवाएं, जिससे कटनी आने वाले वर्षों में जल संकट से मुक्त रह सकें। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के माध्यम से 10 नलकूपों व 60 कुओं में बारिश का पानी सहेजा जाएगा।