कौशाम्बी में मूर्ति चोरी की घटना का झूठा खुलासा करना और फर्जी आरोपी को फंसाने के चक्कर में दरोगा खुद ही फंस गए। मामले में अब दरोगा समेत कई पुलिसकार्मियों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज किया गया।
Kaushambi: कौशांबी के चरवा पुलिस का 'गुडवर्क' अब उन्हीं के गले की फांस बन गया है। जिस मूर्ति चोरी के अनावरण पर पुलिस ने खुद की पीठ थपथपाई थी, वही मामला अब पलट गया है। अदालत के आदेश पर दो दारोगा और एक सिपाही समेत चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
महिला का आरोप – बेटे को उठाकर बनाया चोर
सैयद सरावां गांव की रहने वाली विट्टन बेगम ने आरोप लगाया कि 10 अप्रैल को चरवा थाने के दारोगा और सिपाही उनके बेटे आरिफ को यह कहकर घर से ले गए कि उन्हें थाने की गाड़ी ठीक करानी है। अगले ही दिन पुलिस ने आरिफ को मूर्ति चोरी के आरोप में जेल भेज दिया।
सीसीटीवी फुटेज और फोटो में हेरफेर का आरोप
पीड़िता के अनुसार, पुलिसकर्मी दुकान में घुसकर सीसीटीवी फुटेज ले गए और फिर दुकान में मूर्ति रखकर उसकी फोटो खींच ली। जब उन्होंने विरोध किया तो गाली-गलौज और अश्लील हरकतें की गईं। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने गल्ला से 20 हजार रुपये निकाले और 50 हजार की रिश्वत मांगी।
अदालत के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा
न्याय न मिलने पर महिला ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर चरवा पुलिस ने एसआई विपलेश सिंह, मुन्ना यादव, सिपाही मुकीम और 4-5 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया है। इंस्पेक्टर चरवा महेश सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है।