कवर्धा

Monsoon का इंतजार.. मौसम विभाग ने बताई नई तारीख, खेती किसानी के काम में जुटे किसान

CG Monsoon: छत्तीसगढ़ में मानसून का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। खासकर किसान वर्ग बारिश को लेकर चिंतित है। इस बीच मौसम विभाग ने मानसून के आने की तारीख बताई है...

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Jun 12, 2025
छत्तीसगढ़ में मानसून का इंतजार, किसान खेती किसानी के काम में जुटे ( Photo - Patrika )

CG Monsoon: कवर्धा में खरीफ सीजन में एक लाख 92 हजार से अधिक हेक्टेयर पर किसान खेती करेंगे। यहां पर सबसे अधिक धान फिर अरहर, सोयाबीन और कोदो की खेती की जाती है। इसे लेकर कृषि विभाग की ओर से अनाज, दलहन, तिलहन और सब्जी की खेती को लेकर लक्ष्य तय की जा चुका है।

CG Monsoon: चली तेज आंधी

किसानों को अब मानसूनी बारिश का इंतजार है। प्री मानसून का समय निकल चुका है, बावजूद जिले में बारिश नहीं हुई। मंगलवार को तेज अंधड़ चला, लेकिन बारिश नहीं हो सकी, जिसके चलते किसान मायूस हो गए। अब मानसून का इंतजार है कि कब बारिश हो और किसान खेतों की जुताई कर सके। हालांकि जिन किसानों के पास सिंचाई की सुविधा है वह खेतों को पानी देना शुरु कर दिए हैं।

मौसम विभाग ने बताई तारीख

लालपुर मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार दंतेवाड़ा में 28 मई से अटका मानसून 14 जून के आसपास आगे बढ़ सकता है। इसके लिए अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं। अगले एक सप्ताह तक प्रदेश के एक-दो स्थानों पर तेज गर्जना होगी, बिजली कड़केगी और वज्रपात होने की आशंका भी है। 13 जून से बारिश की गतिविधियां बढ़ेगी। अधिकतम तापमान में भी 2 से 3 डिग्री की गिरावट आएगी।

रायपुर में प्री-मानसून बारिश (File Photo - Patrika )

खेती किसानी के काम में जुटे किसान

किसान हल लेकर खेतों की जुताई कार्य में जुट चुके हैं। वहीं अधिकतर किसान बारिश के इंतजार में है। जैसे ही बारिश होगी और खेत गीला होगा हल और टैक्टर के जरिए जुताई करेंगे। लेकिन मौसम रुठा नजर आ रहा है क्योंकि आगामी 2-3 दिन बारिश के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं, हालांकि बादल छाए रहेंगे, गरज-चमक के साथ वज्रपात और 50-60 किलोमीटर की रतार से अंधड़ चल की आशंका है। संभव है कि बूंदाबांदी भी हो, लेकिन किसान जिस बारिश का इंतजार कर रहे हैं उसके लिए अभी इंतजार करना पड़ सकता है।

सबसे अधिक ले रहेधान की फसल

कबीरधाम जिले अंतर्गत खरीफ सीजन में सबसे अधिक धान की फसल ली जाती है। कृषि विभाग के अनुसार इस खरीफ वर्ष में अनुमानित एक लाख 92 हजार 700 हेक्टेयर में फसल लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें धान की फसल 86 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य बताया जा रहा है जबकि हर साल इसमें बढ़ोतरी ही रहती है। बीते वर्ष ही सवा लाख हेक्टेयर से अधिक रकबे पर धान लिया गया था। ऐसे में संभावना है कि इस बार और अधिक धान की फसल लेंगे।

600 करोड़ रुपए का कृषि ऋण

बीते खरीफ सीजन में जिले के एक लाख 17 हजार 155 किसानों द्वारा कुल 64 लाख 78 हजार 964 क्विंटल धान की बिक्री किया गया था। वहीं इस वर्ष 70 लाख क्विंटल तक धान की बिक्री उपार्जन केंद्रों में हो सकती है। इसके अनुरुप ही किसानों द्वारा 600 करोड़ रुपए का कृषि ऋण लिया जा रहा है। इसमें किसानों को 360 करोड़ रुपए नगद और 240 करोड़ रुपए वस्तु ऋण देने का लक्ष्य निर्धारित है। किसान बड़ी संया में सोसायटी और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पहुंचकर खाद, बीज और नगद राशि ऋण के रुप में ले रहे हैं।

कम होता सोयाबीन का रकबा

जिले में धान के बाद खरीफ सीजन में यदि सबसे अधिक फसल ली जाती है वह अरहर है। हालांकि पूर्व तक सोयाबीन सबसे अधिक लिया जाता था लेकिन कभी कम बारिश तो कभी अधिक बारिश के कारण फसल खराब हो जाता है। ऐसे में किसानों का सोयाबीन से मोहभंग हो गया। बीते वर्ष 19500 हेक्टेयर में सोयाबीन फसल लेने का लक्ष्य था लेकिन किसानों ने 16280 हेक्टेयर में ही। इसके चलते इस वर्ष इसका लक्ष्य घटाकर 15760 हेक्टेयर कर दिया गया है।

Updated on:
12 Jun 2025 06:15 pm
Published on:
12 Jun 2025 06:14 pm
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