CG Tourism: कई लोगों को यह भी नहीं मालूम होगा कि जिले में 21 से भी ज्यादा प्राकृतिक गुफाएं हैं, जो लोगों के आकर्षण का केन्द्र हैं। इनमें कई गुफा वन्य प्राणियों का रहवास है, तो कुछ से लोगों की धार्मिक आस्था जुड़ी है। इन स्थानों पर सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है।
CG Tourism: कवर्धा जिले के बोड़ला ब्लॉक के कुसुमघटा गांव में अवसरपाट, सहसपुर लोहारा में ग्राम बड़ोदा के पास जोगीगुफा सहित ऐसे 21 गुफाओं को वन विभाग द्वारा चिन्हांकित है। यह गुफा लोगों के आकर्षणका केन्द्र बिन्दु है। रोजाना दर्जनों पर्यटक इन गुफाओं की खूबसूरती निहारने पहुंचते हैं। ज्यादातर लोगों की धार्मिक भावनाएं भी उनसे जुड़ी हुई है। ऐसे में यहां सुरक्षा बंदोबस्त होना बेहद जरुरी है।
गुफाओं में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हमेशा नजरअंदाज किया गया। प्रशासन की इस अनदेखी के कारण लोगों की जान खतरे में पड़ सकती हैं। प्राकृतिक रूप से बने होने के कारण यह पत्थरों के बीच से घिरा हुआ है। सुरक्षा के तौर पर सभी गुफा को चिन्हांकित कर इसे सुरक्षित करने प्रयास किए जाने चाहिए, जिससे कि अंबिकापुर जैसे घटना दोबारा न हो तथा लोगों की जान पर न बन आए। भोरमदेव अभ्यारण्य अंतर्गत भी दर्जनभर गुफा है, जिसे सुरक्षा की दृष्टि से उजागर नहीं किया गया है। इन गुफा में बाघों का रहवास है। वन विभाग के अधिकारियाें की माने तो अभ्यारण्य क्षेत्र में पर्याप्त प्राकृतिक गुफा हैं, जहां बाघों का रहवास हैं। सुरक्षा व शिकारियों के डर से इसे उजागर नहीं किया जा सकता।
जिले के वनांचल क्षेत्रों में कई प्राकृतिक गुफा मौजूद हैं, लेकिन यह प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है। ज्यादातर गुफा में जाने के लिए मार्ग ही नहीं है। पगडंडी व उबड-खाबड़ रास्तों से होकर यहां तक पहुंचा जाता है। यदि मार्ग बना दिये जाते हैं, तो गुफा के इतिहास, संरचना सहित पूरी जानकारी का पता लग सकता है।
जगदलपुर में कुटुबसर गुफा देश ही नहीं विदेशों तक अपनी पहचान बना चुकी है। इसी गुफा से मिलती-जुलती सहसपुर लोहारा विकासखंड के ग्राम बड़ोदा के पास जोगी गुफा स्थित है। गुफा के भीतर स्टेलाइट व स्टेलमाइट की आकृति बनी हुई हैं, जो कि कैल्शियम कार्बोनेट के स्त्राव से बनता है। गुफा अंदर से 40 से 100 मीटर तक लंबाई व चौड़ी है। यह जिले में पहली एकमात्र गुफा है, जो लोगों के विशेष आकर्षण का केन्द्र है।
अंदर में शिवलिंग हैं, जहां पानी का स्त्राव होता रहता है। इसी तरह कुसुमघटा का अवसर पाट है, जिसमें भित्तचित्र पाए गए हैं, लेकिन यह गुफा उपेक्षा का शिकार है। अगर प्रशासन व पर्यटन विभाग द्वारा गुफा की देख-रेख कर संरक्षित करते हैं, तो यह भी अन्य गुफा की ही तरह प्रसिद्ध हो सकता है। इन स्थानों को चिंहाकिंत कर सुरक्षा के इंतजाम करने की जरुरत है।
गुफा - स्थान - दूरी (किमी में)
अवसरपाट - कुमुमघटा/ बोड़ला - 30
देवसरा गुफा - बकेला/ पंडरिया - 75
जोगी गुफा - बड़ोदा/लोहारा - 30
भंवरटोक - बहनदाई/पंडरिया - 41
चरणतीर्थ - आमानारा/बोड़ला - 80
दुरदुरी गुफा - दुरदुरी/ भोरमदेव - 25
किलकिल गुफा - जामुनपानी/बोड़ला - 65
भैसाओदार के पास - नेऊर/पंडरिया - 75