कवर्धा

Jungal Safari: छत्तीसगढ़ में एक और जंगल सफारी शुरू करने की उठ रही मांग, तैयारियों में जुटा वन विभाग

Jungal Safari: भोरमदेव अभयारण्य क्षेत्र में नक्सली आमदगी व दो तीन पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के चलते पर्यटकों की सुरक्षा के लिहाज से बंद कर दिया गया था, क्योंकि कभी भी मुठभेड़ के चलते बड़ी अनहोनी हो सकती थी।

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Nov 19, 2024
Jungal Safari

Jungal Safari: कवर्धा जिला वनसंपदा से भरपूर है यहां पर्यटन को लेकर अपार संभावनाएं हैं। जंगल का रास्ता आम लोगों के लिए नहीं खुल पाया है। खासकर पर्यटन को लेकर भोरमदेव अभयारण्य में एक बार फिर से जंगल सफारी शुरू करने की मांग हो रही है। वन अमले इसकी तैयारी भी कर रहा है, जिसका लोगों के बीच अच्छा प्रतिसाद मिलेगा।

जिले के भोरमदेव अभ्यारण्यमें तत्कालीन भाजपा सरकार ने साल 2015 में जंगल सफारी की शुरूवात की थी। कान्हा के तर्ज पर यहां जिप्सी का संचालन किया गया था। करीब 3 साल यह सफारी चला। इस बीच भोरमदेव अभयारण्य क्षेत्र में नक्सली आमदगी व दो तीन पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के चलते पर्यटकों की सुरक्षा के लिहाज से बंद कर दिया गया था, क्योंकि कभी भी मुठभेड़ के चलते बड़ी अनहोनी हो सकती थी।

सुरक्षा से किसी तरह से कोई समझौता न करते हुए तत्काल सरकार ने इसे बंद करने का निर्णय लिया था। जो उस समय की परिस्थितियों के लिहाज से सही भी था। लेकिन इन पांच-छह सालों में भोरमदेव अभयारण्य की स्थिती परिस्थिति बदली है।

पुलिस की लगातार प्रभावी कार्रवाई से नक्सली बैकफूट पर हैं। अब इन क्षेत्रों में शांति बनी हुई है। पुलिस की पहुंच है, क्षेत्र सुरक्षित है नक्सलियों का जरा भी प्रभाव नहीं है। झलमला थाना, भोरमदेव थाना, सीएएफ कैंप खुलने से नक्सलियों के मंसूबे नाकाम हो गए हैं। अब वे इस क्षेत्र में दोबारा सिर उठाने की स्थिती में नहीं है। ऐसे बदले माहौल में पर्यटकों को सुविधा देने के लिहाज से एक बार फिर जंगल सफारी शुरू करने की कवायद की जानी चाहिए। प्रशासन भी इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। हालांकि निर्णय शासन स्तर पर ही होना है।

Published on:
19 Nov 2024 01:55 pm
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