कवर्धा

किराएदारों का सत्यापन कराना अनिवार्य! 20 मई तक है समय, अन्यथा जेल जाने के लिए रहें तैयार..

CG News: कवर्धा जिले में अपराधों की रोकथाम, संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान व कानून-व्यवस्था की स्थिति को और अधिक सुदृढ़ करने के उद्देश्य से कबीरधाम पुलिस द्वारा किरायेदारों के सत्यापन की प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया है।

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May 15, 2025

CG News: छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में अपराधों की रोकथाम, संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान व कानून-व्यवस्था की स्थिति को और अधिक सुदृढ़ करने के उद्देश्य से कबीरधाम पुलिस द्वारा किरायेदारों के सत्यापन की प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया है।

आमजन की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए सत्यापन की इस प्रक्रिया को सरल व सुगम बनाने के लिए कबीरधाम पुलिस द्वारा एक ऑनलाइन फॉर्म तैयार किया गया है जिसमें मोबाइल से सीधे किरायेदार की जानकारी दर्ज की जा सकती है। इस फॉर्म तक पहुंचने के लिए एक विशेष क्यूआर कोड जारी किया गया है जिसे स्कैन कर घर बैठे किरायेदार की पूरी जानकारी ऑनलाइन भरी जा सकती है।

CG News: सत्यापन अनिवार्य क्यों..

कबीरधाम पुलिस सभी नागरिक, मकान मालिकों, किरायेदारों से स्पष्ट किया वे किसी भी व्यक्ति को किराए पर रखने अथवा आश्रय देने से पूर्व उसका पुलिस सत्यापन अनिवार्य रूप से कराएं। यह सत्यापन न केवल उनकी अपनी सुरक्षा, बल्कि समाज की सामूहिक सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।

जिले के सभी मकान मालिकों एवं किरायेदारों को 20 मई 2025 तक अनिवार्य रूप से सत्यापन करवाना होगा। सत्यापन न कराए जाने की स्थिति में संबंधित मकान मालिक किरायेदार के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है।

क्यू आर कोड सुविधा के लाभ

घर बैठे मोबाइल से सत्यापन

थाने जाने की आवश्यकता नहीं

दस्तावेज अपलोड करने की सुविधा

सभी जानकारी सुरक्षित रूप से पुलिस सिस्टम में दर्ज

त्वरित जांच प्रक्रिया

डीएसपी कृष्ण कुमार चंद्राकर ने बताया कि किरायेदार का सत्यापन क्यों अनिवार्य है क्योंकि अपराधी प्रवृत्ति के लोग अक्सर बिना पहचान किराए पर रहते हैं और अपराध घटित कर फरार हो जाते हैं। पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज जानकारी से ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों की समय रहते पहचान संभव हो पाती है।

असत्यापित किरायेदारों की वजह से मकान मालिक स्वयं कानूनी झंझट में फंस सकते हैं। लॉज, हॉस्टल, मकानों में आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम के लिए यह प्रक्रिया अत्यंत आवश्यक है। एक बार सत्यापन हो जाने से भविष्य में जांच-पड़ताल की प्रक्रिया भी सरल हो जाती है। यह कदम नागरिकों की सुरक्षा एवं समाज में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए है।

Updated on:
15 May 2025 01:54 pm
Published on:
15 May 2025 01:52 pm
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