खंडवा

कैच द रैन अभियान : देश में बारिश की बूंदें सहेजने नंबर-1 बना खंडवा, 1.29 लाख जल संरचनाओं का निर्माण

मध्य प्रदेश का खंडवा जनभागीदारी से बारिश की बूंदों को सहेजने की तैयारी में देश का नंबर वन जिला बन गया। मध्य प्रदेश जल संचय संरचनाओं को विकसित करने देश के टॉप-5 प्रदेश में शामिल हो गया है। इसमें सबसे बड़ा योगदान खंडवा जिले का है। 3.08 लाख जल संचय संरचनाओं में अकेले खंडवा ने 1.29 लाख संरचनाओं का निर्माण कर कीर्तिमान स्थापित किया है।

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Jun 02, 2025
खंडवा नगरीय क्षेत्र में निर्माण कराए गए शोकपिट

मध्य प्रदेश का खंडवा जनभागीदारी से बारिश की बूंदों को सहेजने की तैयारी में देश का नंबर वन जिला बन गया। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने रैंकिंग देश में टॉप-10 में चौथे नंबर पर मध्य प्रदेश, पहले नंबर पर तेलंगाना, मध्य प्रदेश में 3.08 से अकेले खंडवा में 1.29 लाख संरचनाएं जैसे रिचार्ज पिट, रिचार्ज शाफ्ट, डगवेल, बोल्डर चेकडैम, बोल्डर वॉल, बोरी बंधान, पत्थर-मिट्टी के फील्ड बंधान समेत शहरी क्षेत्र में रैन वॉटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश में 3.08 लाख जल संचय संरचनाओं का निर्माण

मध्य प्रदेश का खंडवा जनभागीदारी से बारिश की बूंदों को सहेजने की तैयारी में देश का नंबर वन जिला बन गया। मध्य प्रदेश जल संचय संरचनाओं को विकसित करने देश के टॉप-5 प्रदेश में शामिल हो गया है। इसमें सबसे बड़ा योगदान खंडवा जिले का है। 3.08 लाख जल संचय संरचनाओं में अकेले खंडवा ने 1.29 लाख संरचनाओं का निर्माण कर कीर्तिमान स्थापित किया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने रैंकिंग जारी की है। देश में तेलंगाना पहले नंबर और दूसरे पर छत्तीसगढ़, तीसरे पर राजस्थान और चौथे नंबर पर मध्य प्रदेश ने जनभागीदारी से जल संचय की संरचनाएं विकसित की हैै।

1.29 लाख से अधिक जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण

जिपं सीइओ डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा ने बताया कि अभियान के अंतर्गत मनरेगा, 15 वां वित्त आयोग, 5 वां वित्त आयोग, कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व और विशेष रूप से जनसहयोग के माध्यम से 1,29,046 से अधिक जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण और पंजीकरण किया गया है। इनमें 12,750 रिचार्ज पिट, 1,500 रिचार्ज शाफ्ट, 23,570 डगवेल, 5,780 बोल्डर चेकडैम, 1,256 बोल्डर वॉल, 3,960 बोरी बंधान, 7,455 पत्थर/मिट्टी के फील्ड बंधान, 5,500 गली प्लग, 3,269 नाला ट्रेंच, 6,528 हैंडपंप रिचार्ज, 39,000 रूफटॉप वाटर हार्वेस्टिंग, 58 चेकडैम/स्टॉपडैम/तालाब, 4,800 पोखर तालाब, 2,275 ड्रेन वर्क, 1,500 खेत तालाब, 68 कंटूर ट्रेंच, 750 सूखे बोर रिचार्ज, 2,462 जीर्णोद्धार कार्य और 6,560 अन्य जल संरक्षण संरचनाएं शामिल हैं।

नगरीय क्षेत्र में 1950 जल संचय की संरचनाओं का निर्माण

नगर निगम आयुक्त प्रियंका सिंह राजावत ने बताया कि नगरीय क्षेत्र में 600 जल संचय संरचनाएं जनभागीदारी से निर्माण कराया गया। इसमें प्रति एक हजार वर्ग फीट के हिसाब से 600 करोड़ लीटर जल संरक्षित होगा। इसी तरहनगर पंचायत ओंकारेश्वर, मूंदी, नया हरसूद और पुनासा में 250-250 संरचनाओं का निर्माण किया गया हैै। नगरीय क्षेत्र में 1950 जल संचय की संरचनाओं का निर्माण कराया है। अभी 38 संरचनाएं निर्माणाधीन हैं। शेष ग्राम पंचायतों में जल संचय की संरचनाएं विकसित की गई हैं।

निगम ने घरों में भेजी तकनीकी टीम, 30 दिन विशेष अभियान

जल संचय संरचनाओं को विकसित करने प्रशासन और निगम ने जनता के साथ ही प्रतिनिधियों के साथ जल महत्व पर कार्य शाला की। कलेक्टर ने विभागों को भवनों प्रत्येक भवन में रैन वाॅटर हॉर्वेस्टिंग का निर्माण शुरु कराया। नगरीय व गांव-गांव में जल बचाने के महत्व पर जागरूकता चौपाल लगाई। निगम ने प्रत्येक कर्मचारी को रैन वॉटर हाॅवेस्टिंग, रूफवाटर, शोक पिट निर्माण का लक्ष्य दिया। उपयंत्रियों को 40-40 घरों में बनाने का लक्ष्य दिया। लोगों को प्रेरित कर घरों में निर्माण कराने निगम ने अपनी तकनीकी टीम भेजी। अधिकारी से लेकर बाबू तक से दस-दस घरों में निर्माण कराने की लिस्ट तैयार कराई।

अधिकारियों, कर्मचारियों ने स्वयं शुरू कराया निर्माण

-जिला प्रशासन ने सभी विभाग प्रमुखों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया। प्रतिदिन भवन और कर्मचारियों ,व अधिकारियों के घरों में रैन वॉटर सिस्टम निर्माण की समीक्षा शुरू की। पहले अधिकारियों और कर्मचारियों ने स्वयं निर्माण कराना शुरू किया। जिले में पंद्रह हजार से अधिक अधिकारी और कर्मचारी हैं। सबसे अधिक शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने निर्माण कराया है। पंचायत, नगर निगम के साथ ही महाविद्यालयों के भवनों में निर्माण कराए जा रहे हैं।

फैक्ट फाइल-टॉप-5 राज्य

राज्य कार्य पूर्ण निर्माणाधीन

तेलंगाना 520006 561114

छत्तीसगढ़ 405535 436871

राजस्थान 364961 416072

मध्य प्रदेश 276603 308472

उत्तर प्रदेश 141046 167301

आंकडे--केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से जारी रिपोर्ट के अनुसार

वर्जन, कलेक्टर ऋषव गुप्ता का कहना है कि...कैच द रैन अभियान जल सहेजने का अच्छा मौकाौ। जन सहयोग से बारिश के पानी को बचाने की जल संरचनाएं विकसित की जा रही हैं । सरकारी गैर सरकारी भवनों में रैन वॉटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में लोग स्वयं घरों और बगीचों में शोक पिट के साथ ग्रामीण क्षेत्र में रूफवाटर का निर्माण करा रहे हैं। अभियान में सभी सराहनीय कार्य कर रहे हैं।

Published on:
02 Jun 2025 12:11 pm
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