MP News: मध्य प्रदेश में पंडितों को सरकारी नौकरी देने की तैयारी की जा रही है, मध्य प्रदेश सरकार ने सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के बीच एक नई व्यवस्था की पहल की है, जानें क्या है मोहन सरकार की योजना, किन पंडितों को मिलेगी सरकारी नौकरी, पढ़ें खंडवा से राजेश पटेल की रिपोर्ट...
MP News: सिहंस्थ-2028 की तैयारी के बीच सरकार ने धार्मिक स्थलों को व्यवस्थित करने की दिशा में पहल की है। सब योजना के तहत हुआ तो जल्द ही प्रदेशभर में शासन के अधीन, ट्रस्ट और ऐसे मंदिर, मठ और धर्मशाला जिनमें कलेक्टर प्रशासक हैं, वहां रिक्त पदों पर पुजारियों की नियुक्तियां होगी। पात्रता उज्जैन गुरुकुल से दीक्षा प्राप्त रखी गई है। शुरुआती चरण में पांच हजार से ज्यादा की नियुक्ति होगी।मानदेय भी बढ़ेगा।
धार्मिक न्याय एवं धर्मस्व विभाग (Religious Trusts and Endowments Department) नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र में स्थित शासन के अधीन मंदिरों की स्थिति, पुजारियों के रिक्त पदों, चल-अचल संपत्तियों का लेखा-जोखा मांगा है। विभाग के अनुसार खंडवा में 249 मंदिर चिह्नित किए गए हैं। 152 में पुजारी कार्यरत है। 97 रिक्त पदों पर नियुक्तियां होंगी। अकेले ओंकारेश्वर में 32 मंदिर हैं। 13 में पुजारी हैं। शेष 19 में नियुक्ति की तैयारी है। ओंकारेश्वर के सभी मंदिरों को बेहतर करने की कवायद शुरू की है।
शासन ने पुजारियों की धार्मिक योग्यता अनिवार्य की। इसके लिए उज्जैन स्थित गुरुकुल से दीक्षा प्राप्त पुजारी ही पात्र माने जाएंगे। नियुक्ति प्रक्रिया एसडीएम स्तर पर की जाएगी। जिससे चयन में पूरी तरह पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
कुल मंदिर
पुजारी की नियुक्तियां
मंदिर समिति का गठन
मंदिर केनाम जमीन
प्रदेश में कितने मंदिरों की भूमि पर अतिक्रमण
कितने मंदिरों की जमीन के प्रकरण न्यायालय में चल रहे
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के पास 20 हजार से ज्यादा पंजीकृत मंदिरों की जानकारी पहुंची है। नियुक्त पुजारियों को मासिक मानदेय बढ़ाने की तैयारी है। इससे उन्हें आर्थिक स्थायित्व मिलेगा।
शासन की गाइड लाइन पर मंदिरों का ब्योरा जुटाया गया है। जिन मंदिरों में पुजारी नहीं है। ऐसे मंदिरों में पात्रता के आधार पर एसडीएम पुजारियों की नियुक्ति करेंगे। जिससे मंदिरों का रखरखाव और संपत्तियों की देखरेख हो सके।
अंशु जावला, प्रभारी धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग, संयुक्त कलेक्टर