Delimitation in MP : नए जिले बनाने को लेकर खींचतान कम हुई नहीं थी कि मध्य प्रदेश की मोहन सरकार के सामने अब एक और नई मुसीबत सामने आ गई है। खंडवा को अब संभाग बनाने कि मांग उठने लगी है।
Delimitation in MP : मध्य प्रदेश में परिसीमन कर नए संभाग, जिले और तहसीलें बनाने को लेकर मोहन सरकार की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि अब खंडवा को नया संभाग बनाने की मांग जोर पकड़ रही है। स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों ने इस मुद्दे पर अब नेताओं तक अपनी आवाज पहुंचाने का अभियान शुरू कर दिया है। खंडवा निवासी इस बात से नाराज हैं कि राज्य सरकार खरगोन को संभाग बनाने की योजना पर विचार कर रही है जबकि खंडवा हर दृष्टि से आगे है।
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि खंडवा को लंबे समय से संभाग का दर्जा दिए जाने की मांग चल रही है। उनका मानना है कि इस शहर में रेल कनेक्टिविटी बेहतरीन है और यह क्षेत्र के अन्य शहरों की तुलना में अधिक उन्नत है। अगर खंडवा को संभाग मुख्यालय बनाया गया तो यहां के विकास को नई दिशा मिलेगी और लोगों को समस्याओं से राहत मिलेगी। लोगों का यह भी मानना है कि खंडवा इंदौर संभाग का हिस्सा होने के कारण अक्सर बजट में उपेक्षित रह जाता है। अगर खंडवा संभाग मुख्यालय बनता है तो इसे पर्याप्त बजट मिलेगा, जिससे क्षेत्र का समग्र विकास संभव होगा।
वहीं, खंडवा के स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां जल संकट की समस्या नहीं है क्योंकि शहर में डैम हैं। साथ ही ऊर्जा के स्रोत भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं जिसका सबसे बड़ा उदाहरण ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्रोजेक्ट है। ऐसे में बड़ी कंपनियां भी यहां निवेश के लिए आकर्षित हो सकती हैं। स्थानीय लोगों ने क्षेत्र के नेताओं, विशेष रूप से जनजातीय मामलों और भोपाल गैस त्रासदी विभाग के मंत्री विजय शाह से अपील की है कि वे खंडवा को संभाग का दर्जा दिलाने के लिए पहल करें। अब देखना यह है कि खंडवा को संभाग बनाने की इस मांग पर राज्य सरकार और क्षेत्रीय नेता क्या रुख अपनाते हैं।