खंडवा

स्टार्टअप : पश्चिम बंगाल से लाए रेड डायमंड प्रजाति के पौधे, आज 12 लाख तक आमदनी

आदिवासी बहुल क्षेत्र के युवा का स्टार्टअप : जाम के 2400 पौधे दे रहे 14 टन उत्पादन, कृषि वैज्ञानिक बोले... पोटैशियम, आयरन और फाइबर के साथ एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर रेड डायमंड

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Oct 09, 2025
आदिवासी बहुल क्षेत्र के युवा का स्टार्टअप : जाम के 2400 पौधे दे रहे 14 टन उत्पादन

आदिवासी बहुल क्षेत्र के युवा का स्टार्टअप : जाम के 2400 पौधे दे रहे 14 टन उत्पादन, कृषि वैज्ञानिक बोले... पोटैशियम, आयरन और फाइबर के साथ एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर रेड डायमंड

परंपरागत खेती छोडे़ं शुरू की उद्यानिकी फसल

अगर इंसान सधी हुई रणनीति से काम करे, तो उसे हर काम में सफलता मिलती है। कुछ ऐसी की कहानी है, भ्रमर गंधे की। आदिवासी बहुल क्षेत्र खालवा के मोहनिया गांव के युवा किसान गंधे ने परंपरागत खेती छोड़ उद्यानिकी फसलों का स्टार्टअप शुरू करने की सोची। वह पश्चिम बंगाल से अमरूद की रेड डायमंड प्रजाति के पौधे लाए और खेत में रोपे।

प्रयोग सफल और बाजार में मिलने लगी कीमत

प्रयोग सफल और जंगल में पौधरोपण के एक साल में ही अमरूद से आमदनी शुरू हो गई। बाजार में उनकी फसल को हाथोंहाथ लिया गया और इसकी मांग ने सफलता की नई कहानी लिख दी। खेती न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी रही, बल्कि क्षेत्र के अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणादायी बन गई। बल्कि यह बदलाव खेती की नई दिशा का संकेत है। पौधरोपण के 18 माह में ही 2400 पौधों से 14 टन का उत्पादन मिला। इनसे 12 लाख रुपए से अधिक की आय हुई।

ऑफ सीजन में 14 टन उत्पादन, 11 लाख हुई आय

गंधे से पत्रिका से बताया, परंपरागत खेती छोड़ उद्यानिकी फसलों की खेती ऑनलाइन देखकर शुरू की है। किसी वैज्ञानिक से सलाह नहीं ली। वर्ष 2022-23 में पपीता की खेती शुरू की। मुनाफा होने पर अमरूद की खेती शुरू की। गंधे ने बताया, बंगाल से 2400 पौधे लाकर चार एकड़ में खेती शुरू की।

18 माह में ही फल देने लगे

18 माह में पौधे फल देने लगे, जबकि पौधे पूरी तरह से तैयार नहीं हैं। पहली बार हर पौधे से 8-10 किलो उत्पादन हुआ। 14 टन अमरूद की प्रति किलो 50-80 रुपए कीमत मिली। ऑफ सीजन में भी 120 रुपए किलो कीमत मिलती है। आगामी जनवरी-फरवरी में प्रत्येक पौधे से 20-30 किलो उत्पादन की उम्मीद है।

एक्सपर्ट व्यू : टीके पवार, वरिष्ठ कृषि उद्यान अधिकारी, खंडवा

पोषक तत्व से भरपूर रेड डायमंड

रेड डायमंड अमरूद बेहतर उत्पादन के साथ पौष्टिक है। इसकी बागवानी से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। आदिवासी बहुल क्षेत्र में एक युवा ने अच्छा प्रयास किया है। पखवाड़ा भर पहले महाराष्ट्र के कृषि वैज्ञानिक इसे देखने के लिए पहुंचे थे। इस फल में विटामिन- बी, विटामिन-ए, और एंटीऑक्सिडेंट भरपूर होता है। साथ ही इसमें पोटैशियम, आयरन, फोलेट, और फाइबर जैसे कई अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं । यह अमरूद प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, पाचन में सुधार करने और शरीर में फ्री-रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है।

Published on:
09 Oct 2025 11:38 am
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