भारतीय कपास निगम ( cci ) दो साल से तुलावटियों का भुगतान नहीं कर रही है।
भारतीय कपास निगम ( cci ) दो साल से तुलावटियों का भुगतान नहीं कर रही है। चालू वर्ष में भी सीसीआई की मनमानी से खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन समेत इंदौर संभाग की कृषि मंडियों में भुगतान को लेकर तुलावटी परेशान हैं।
भारतीय कपास निगम ( cci ) दो साल से तुलावटियों का भुगतान नहीं कर रही है। चालू वर्ष में भी सीसीआई की मनमानी से खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन समेत इंदौर संभाग की कृषि मंडियों में भुगतान को लेकर तुलावटी परेशान हैं। तीन दिन पहले तुलावटियों की शिकायत सीएम समाधान ऑनलाइन में सूचीबद्ध हुई। मामले को लेकर खंडवा कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने गंभीरता से लिया। मंडी सचिव ओपी खेड़े की रिपोर्ट पर कलेक्टर ने सीसीआई के प्रबंधक से बात की।
कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद सीसीआई ने खंडवा के तुलावटियों को 91 हजार रुपए से अधिक का भुगतान कर दिया। यह भुगतान अब प्रदेशभर के मंडियों के लिए नजीर बन गया। मामले में मंडी सचिव खंडवा का कहना है कि तुलावटियों के भुगतान का मामला मंडी बोर्ड और जिला प्रशासन के संज्ञान में लाया गया।
कलेक्टर ने मामले में भारतीय कपास निगम के अधिकारियों से चर्चा की। और तुलावटियों का भुगतान कराया। इस भुगतान के आधार पर राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने सभी मंडियों में तुलावटियों के भुगतान के लिए सीसीआई को पत्र जारी किया है।
कृषि मंडियों में समर्थन मूल्य पर कपास का क्रय करने वाली संस्था सीसीआई स्थानीय स्तर पर जिनिंग, प्रोसेसिंग फैक्ट्रियों से अनुबंध किया। बताया गया कि खरीद केंद्र पर कार्य करते वाले हमाल, तुलावटियों को भुगतान प्रति क्विंटल एक रूपए की दर सीसीआई करेगा। किसानों से कपास की तौल सीधे सीसीआई कर रही है। तुलावटियों ने बताया कि सीसीआई और जिनिंग फैक्ट्रियों के बीच पारिश्रमिक का भुगतान नहीं हो रहा था। शिकायत के बाद कलेक्टर और मंडी सचिव के हस्तक्षेप पर भुगतान हुआ। इसका लाभ सभी मंडियां में 300 से अधिक तुलावटियों को मिलेगा।
खंडवा मंडी में सीसीआई के केंद्र पर कार्य करने वाले तुलावटी के मामले की शिकायत सीएम समाधान पर शिकायत पहुंची। मामले में आयुक्त, सह संचालक मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड कुमार पुरुषोत्तम ने सीसीआई प्रबंधन को पत्र भेजा। जिसमें खंडवा मंडी में तुलावटियों को भुगतान का जिक्र करते हुए सभी तुलावटियों के भुगतान का निर्देश दिए।