खरगोन. शैक्षणिक संस्थाओं से लेकर बीस से अधिक कॉलोनियों व 15 से अधिक गांवों को शहर से जोडऩे वाला मांगरूल रोड इन दिनों ट्रांसपोर्ट वाहनों का बोझ ढो रहा है। इससे सडक़ तो छलनी हो ही गई है, यहां कदम-कदम पर हादसों का डर भी बना रहता है। नगरपालिका के दल ने यहां सख्ती दिखाते हुए अतिक्रमण व भारी वाहनों को हटाने की कवायद शुरू की है।
खरगोन. दो लाख आबादी वाले शहर में ट्रांसपोर्ट नगर की मांग करीब 22 साल पुरानी है। यह सुविधा लाख बैठकों के बाद अब भी कागजों पर अटकी है। इसके साइड इफैक्ट यह हैं कि ट्रांसपोर्ट से जुड़े भारी-भरकम वाहनों का अड्डा शहर के अंदरूनी इलाकों में फैल रहा है। बावड़ी बस स्टैंड से निकला मांगरूल रोड इसका उदाहरण है। इस मार्ग पर कई शैक्षणिक संस्थान, बीस से अधिक कॉलोनियां, ग्रामीण इलाकों का रुट जुड़ता है। इसके बावजूद यहां अतिक्रमण कारियों ने पैर इतने पसारे हैं कि सरकारी नाली और सडक़ों तक कब्जा जमा लिया है। भारी वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है। लंबे अरसे से जमे इन अतिक्रमणकारियों को हटाने की कवायद नपा ने गुरुवार से शुरू की। अमले ने यहां सुबह 10 बजे पहुंचकर सबसे पहले उस नाली को खोजा जिसे गोडाउन संचालकों ने सालों पहले बंद कर उस पर वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी थी।
नपा के राजस्व अधिकारी महेश वर्मा ने बताया फिलहाल तमाम गोडाउन संचालकों को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है। यदि वे स्वत: अतिक्रमण नहीं हटाते हैं तो नपा कड़ा एक्शन लेगी। इस कार्रवाई के दौरान नपा अमले में दर्जनभर से अधिक अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे। करीब तीन घंटे जेसीबी की मदद से नाली को साफ किया गया। इसके अलावा मांगरूल रोड पर सडक़ तक सामान फैलाकर दुकानें संचालित करने वालों को भी फटकार लगाई।
मांगरूल रोड की स्थिति बेहद खराब है। दिनभर भारी वाहनों की आवाजाही होने से सडक़ बुरी तरह उधड़ चुकी है। दुकानदारों का कहना है कि यहां दिनभर धूल उड़ती है। कई बार भारी वाहन हादसों का कारण भी बनते हैं। शहर का यातायात अमला चालानी कार्रवाई तक ही सीमित है। शहर में जगह-जगह लोडिंग वाहनों की अवैध पार्किंग पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा।
-मांगरूल रोड पर जहां अतिक्रमण है वहां सख्ती से कार्रवाई शुरू की है। नाली भी खोल दी है। गोडाउन संचालकों को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है। वे स्वयं सामान नहीं हटाते तो वैधानिक कार्रवाई होगी। -कमला कोल, सीएमओ, खरगोन