खरगोन

एमपी के इस जिले में 12 कॉलोनियों में चलेगा बुलडोजर, मकान मालिकों को नोटिस से मचा हड़कंप

JCB- मध्यप्रदेश के खरगौन जिले में अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। कच्चे पक्के निर्माणों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है।

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Jul 23, 2025
Notice to house owners in 12 colonies in Khargone district- image ANI

JCB- मध्यप्रदेश के खरगौन जिले में अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। कच्चे पक्के निर्माणों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। अब जिला मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में ट्रांसमिशन लाइनों के प्रतिबंधित क्षेत्रों में हुए अवैध निर्माणों को हटाने पर जोर है। इसके लिए मकान मालिकों को अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं जिससे हड़कंप मच गया है। 12 कॉलोनियों में अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी गई है। जिला प्रशासन ने यहां बुलडोजर चलाने की तैयारी भी प्रारंभ कर दी है।

खरगौन में मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) की 132 केव्ही से लेकर 220 केव्ही तक की छह प्रमुख ट्रांसमिशन लाइनों के पास अनाधिकृत निर्माण कर लिए गए हैं। विद्युत सुरक्षा मानकों के विरूद्ध बनाए गए ये मकान मानव जीवन के लिए घातक हैं।

जिला मुख्यालय के ही अनेक क्षेत्रों में ट्रांसमिशन लाइनों की प्रतिबंधित सीमा में अनाधिकृत निर्माण किए गए हैं जिनमें विद्युत मानकों के अनुरूप न्यूनतम सुरक्षा दूरी का भी ध्यान नहीं रखा गया है। ओंकार दत्त रेजिडेंसी, निमरानी, द्वारका धाम कॉलोनी, साकेत नगर, जेतपुरा, यमुना नगर कॉलोनी, खरगोन मोतीपुरा, हिंगलाज नगर, स्मार्ट पार्क टाउनशिप, माँ रेवा विन्यास कॉलोनी, पानवा एवं भीलगांव आदि क्षेत्रों में ट्रांसमिशन लाइन और निर्माण के बीच बेहद कम क्लियरेंस पाया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि ट्रांसमिशन लाइनों के समीप हुए निर्माण सभी के लिए बेहद खतरनाक हैं। इससे अति उच्च वोल्टेज की बिजली से जुड़े संभावित करंट, स्पार्किंग, और अग्निकांड जैसे गंभीर खतरे उत्पन्न हो सकते हैं।

इन ट्रांसमिशन लाइनों के आसपास खतरा

खरगौन जिले में मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी की छह ट्रांसमिशन लाइने हैं जिनके पास विद्युत सुरक्षा मानकों के विरूद्ध निर्माण किए गए हैं। इन ट्रांसमिशन लाइनों में 132 केव्ही भीकनगांव-खरगोन डीपी लाइन, 132 केव्ही बिस्टन-लिलो लाइन, 132 केव्ही निमरानी-कसरावद लाइन, 220 केव्ही निमरानी-छैःगांव लाइन, 220 केव्ही निमरानी-ओंकारेश्वर लाइन एवं 220 केव्ही महेश्वर-पीथमपुर लाईन शामिल हैं।

जरूरी है 27 मीटर का कॉरिडोर

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अनुसार, 132 केव्ही या इससे अधिक वोल्टेज की ट्रांसमिशन लाइन के नीचे कम से कम 27 मीटर की सुरक्षित दूरी आवश्यक है, ताकि हवा में झूलते तारों से संपर्क न हो और दुर्घटना टाली जा सके।

600 से 950 गुना अधिक रहता है ट्रांसमिशन लाइनों से जान का खतरा

आमघरों में उपयोग होने वाली बिजली की तीव्रता मात्र 230 वोल्ट होती है। यह स्तर भी इतना अधिक होता है कि यदि कोई व्यक्ति गलती से इसके संपर्क में आ जाए तो गंभीर रूप से घायल हो सकता है या उसकी जान भी जा सकती है। ट्रांसमिशन लाइनों इससे भी कहीं अधिक खतरनाक होती हैं। शहर भर में क्रियाशील एक्स्ट्रा हाईटेंशन ट्रांसमिशन लाइनें, जिनमें विद्युत तीव्रता 132 केव्ही (यानी 132,000 वोल्ट) एवं 220 केव्ही (यानी 2,20,000 वोल्ट) होती है। यह घरेलू बिजली की तुलना में 600 से 950 गुना अधिक रहती है।

बिजली अधिकारियों के अनुसार यह अंतर दर्शाता है कि अगर मात्र 230 वोल्ट के संपर्क में आने से जान को खतरा हो सकता है, तो 132 या 220 केव्ही की ट्रांसमिशन लाइनों के पास रहने या निर्माण करने से कितना बड़ा जोखिम हो सकता है। ट्रांसमिशन लाइनों के आसपास निर्धारित प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण करना न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि यह जानलेवा जोखिम भी उत्पन्न करता है।

Updated on:
23 Jul 2025 08:45 pm
Published on:
23 Jul 2025 08:44 pm
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