देश के सबसे पुराने कोलकाता के चिड़ियाघर के ताज में एक और नगीना जुड़ गया है। पिछले महीने ही 150 साल पूरे करने वाले महानगर के अलीपुर चिड़ियाघर ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। करीब 19 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस चिड़ियाघर में करीब 1,265 जानवर हैं। चिड़ियाघर का उद्घाटन 24 सितंबर, 1875 को किया गया था।
देश के सबसे पुराने कोलकाता के चिड़ियाघर के ताज में एक और नगीना जुड़ गया है। पिछले महीने ही 150 साल पूरे करने वाले महानगर के अलीपुर चिड़ियाघर ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। करीब 19 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस चिड़ियाघर में करीब 1,265 जानवर हैं। चिड़ियाघर का उद्घाटन 24 सितंबर, 1875 को किया गया था। आखिरकार अलीपुर चिड़ियाघर को विरासत का दर्जा मिल गया है। उस पर एक नीला फलक लगाया गया है। चिड़ियाघर के निदेशक शुभंकर सेनगुप्ता ने बताया कि यह फलक कोलकाता नगर निगम (केएमसी) की ओर से लगाया गया है। सेनगुप्ता ने बताया कि देश के सबसे पुराने चिड़ियाघर को यह बैज प्राप्त हुआ।
नीले फलक से लोग किसी इमारत की विरासत के दर्जे के बारे में जान पाते हैं। केएमसी ने पहले भारतीय संग्रहालय, तत्कालीन राज्य सचिवालय राइटर्स बिल्डिंग, जनरल पोस्ट ऑफिस (जीपीओ) और गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट में नीले बैज लगाये थे। ये सभी प्रथम श्रेणी की विरासती इमारतें हैं। केएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नगर निकाय ने शहर में 350 से अधिक विरासत भवनों पर नीले फलक लगाये हैं। किसी स्थान के वास्तुशिल्प मूल्य, राष्ट्रीय और ऐतिहासिक महत्व को उसकी श्रेणीबद्ध विरासत स्थिति के लिए मापदंड माना जाता है।
आमतौर पर कोलकाता को सिटी ऑफ जॉय के नाम से भी जाना जाता है। महानगर ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। कोलकाता महानगर का नाम यात्रा करने व छुट्टियां बिताने के लिए दुनिया के 25 सर्वश्रेष्ठ शहरों की सूची में शामिल हो गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद इस जानकारी को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उन्होंने कहा है कि घूमने-फिरने और फुर्सत के पल बिताने के मामले में कोलकाता दुनिया में 19वें स्थान पर है। जबकि विकास के मामले में विश्व में 11वें पायदान पर है। साथ ही वायु गुणवत्ता के मामले में कोलकाता दुनिया के मेट्रो शहरों में दूसरे स्थान पर है।
सीएम ममता ने पोस्ट में लिखा कि हम सब मिलकर एक ऐसे शहर का निर्माण कर रहे हैं, जो अपनी विरासत का सम्मान करता है। विकास के साथ आगे बढ़ता है और पर्यावरण की परवाह करता है। आइए एक उज्जवल, स्वस्थ और अधिक समृद्ध कोलकाता के लिए मिलकर काम करना जारी रखें। उन्होंने कहा कि कोलकाता में सभी के सहयोग के बिना यह पहचान संभव नहीं होती। हमारा शहर खूबसूरती को दर्शाता है कि कैसे परंपरा और आधुनिकता एक साथ रह सकती हैं और कैसे विकास पर्यावरण जागरूकता के साथ-साथ चल सकता है। यह दृश्य हमें कोलकाता शहर में ही देखने को मिलता है।