Bilaspur train Accident: बिलासपुर रेल हादसा 1997 में हुई अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस हादसे की याद को ताजा कर गई। इस हादसे में 81 यात्रियों की मौत हो गई जबकि कई घायल हुए..
Bilaspur Train Accident: गेवरारोड और कोरबा रेलवे स्टेशन से यात्रियों को लेकर बिलासपुर के लिए रवाना हुई मेमू लोकल बिलासपुर में गतौरा के पास बड़े हादसे का शिकार हो गई। तेज रफ्तार मेमू मालगाड़ी से पीछे से टकराई। टक्कर इतना भयावह था कि इसका एक बोगी मालगाड़ी के उपर चढ़ गया। ( CG News ) यात्रियों के बीच चीख-पुकार मच गई। जान बचाने के लिए यात्री इधर-उधर भागे। रेलवे ने इस ट्रेन दुर्घटना में 6 यात्रियों के मारे जाने की पुष्टि की है। पांच यात्रियों के घायल होने की खबर भी है।
इस घटना में गेवरारोड, कोरबा, उरगा, सरगबुंदिया, मड़वारानी, कोथारी से मेमू में सवार यात्रियों के संबंध में रेलवे की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। देर रात तक रेलवे की ओर से यह नहीं बताया जा सका कि हादसे में कोरबा के कितने यात्री घायल हुए हैं या उनकी मृत्यु हुई है। इस ट्रेन दुर्घटना का बड़ा असर कोरबा से चलने वाली यात्री गाड़ियों के परिचालन पर देखा जा रहा है।
दुर्घटना की वजह से कोरबा से चलने वाली लिंक एक्सप्रेस मंगलवार रात 9.30 बजे तक रवाना नहीं हुई थी। वहीं कोरबा से बिलासपुर के रास्ते इतवारी नागपुर को जाने वाली शिवनाथ एक्सप्रेस कोरबा से चलकर उरगा पहुंची लेकिन इसके आगे इस गाड़ी को बढ़ने की अनुमति रेल प्रशासन की ओर से नहीं दी गई। देर रात तक यह गाड़ी उरगा स्टेशन पर खड़ी रही। कोरबा से त्रिवेंद्रम को जाने वाली गाड़ी भी रवाना नहीं हुई। 9.30 बजे तक यह गाड़ी कोरबा स्टेशन से नहीं छूटी थी। ट्रेन हादसे का असर रात्रि 9.30 बजे रवाना होने वाली कोरबा-बिलासपुर मेमू रवाना नहीं हुई।
यात्री गाड़ियों के रवाना नहीं होने से देर रात तक कोरबा रेलवे स्टेशन में यात्रियों की भीड़ देखी गई। स्टेशन पर यात्री काउंटर पर यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि उनकी गाड़ी कितने बजे रवाना होगी। कुछ यात्रियों ने तो अपनी यात्रा ही रद्द कर दी और वापस घर लौट गए। लेकिन जिन्होंने नागपुर, विशाखापट्टनम, त्रिवेंद्रम की ओर यात्रा के लिए आरक्षण कराया था वे रेलवे स्टेशन पर बैठकर गाड़ी रवाना होने का इंतजार करते रहे। लेकिन रेल प्रशासन यह बताने की स्थिति में नहीं था कि ये गाड़ियां कब रवाना होंगीं।
कोरबा में देश की दो सबसे बड़ी कोयला खदान हैं। प्रतिदिन यहां से औसतन 40 से 45 रैक कोयला मालगाड़ियों के जरिए डिस्पैच किया जाता है। ट्रैक काफी व्यस्त रहता है। कुछ समय पहले ही रेलवे स्टेशन कोरबा तक रेलवे की ओर से सिग्नलिंग प्रणाली को पूरी तरह से ऑटोमेटिक कर दिया गया है। अब ट्रेनों को मैन्युअल सिग्नल नहीं दिखाया जाता, ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली लागू होने के बाद ट्रेन में मौजूद लोको पायलट को ऑटो सिग्नल मिलते हैं।
जानकारों की माने तो ऑटो सिग्नल लागू होने के बाद एक ही ट्रैक पर चल रही दो ट्रेनों के बीच की दूरी थोड़ी कम हुई है। मैन्युअल सिग्नलिंग प्रणाली के वक्त जब तक एक ट्रेन स्टेशन से पार ना हो जाए तब तक इस ट्रैक पर पीछे से आ रही दूसरी ट्रेन को ग्रीन सिग्नल नहीं दिखाया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। हादसे के कारण स्पष्ट नहीं हैं, रेलवे ने जांच का आदेश दिया है।
बिलासपुर जोन मुख्यालय के करीब मंगलवार को हुई ट्रेन दुर्घटना ने वर्ष 1997 में अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस के चांपा में दुर्घटनाग्रस्त होने की याद को ताजा कर दिया है। यह दुर्घटना 14 सितंबर 1997 को हुई थी। अहमदाबाद एक्सप्रेस बिलासपुर के रास्ते चांपा होकर हावड़ा के लिए गुजर रही थी। इसी बीच नैला-चांपा के बीच यह ट्रेन दुर्घटना की शिकार हो गई थी।
इसकी कई डिब्बे हसदेव नदी में गिर गए थे। इस घटना में 81 यात्रियों की मौत हुई थी। मौत का यह मंजर बेहद खौफनाक था। मंगलवार को कोरबा मेमू लोकल की बिलासपुर में दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर मिलते ही ऊर्जाधानी में आपाधापी देखी गई। लोग यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि हताहतों में कोरबा के कितने यात्री शामिल हैं।
ट्रेन हादसे की जानकारी देते हुए कोरबा रेलवे स्टेशन में कमर्शियल इंस्पेक्टर (सीआई) मणिकृत भुजाल ने बताया कि कोरबा रेलवे स्टेशन से 60 और गेवरारोड स्टेशन से 35 यात्रियों को लेकर मेमू यहां से रवाना हुई थी। गेवरा से यह ट्रेन मंगलवार को दोपहर 1.10 बजे छूटी थी। कोरबा पहुंचने पर इस गाड़ी को 1.40 बजे बिलासपुर की ओर रवाना किया गया था। उन्होंने बताया कि घायलों और मृतकों की संख्या की जानकारी जुटाई जा रही है।
मुख्यालय स्तर से ही अधिकृत जानकारी दी जा सकती है। कोरबा के किसी व्यक्ति के विषय में अब तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। मेमू से ज्यादातर यात्री बिलासपुर की ओर आना-जाना करते हैं। उनकी यात्रा कम दूरी की होती है। यह ट्रेन कोरबा से बिलासपुर के बीच स्थित सभी छोटे-बड़े स्टेशनों पर रुकती है। हॉल्ट पर भी इसका संक्षिप्त ठहराव होता है। इधर रेलवे की ओर से जारी बयान में इस ट्रेन दुर्घटना में 6 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है लेकिन अभी तक इन यात्रियों के संबंध में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है।