Elephant Terror In Korba: छत्तीसगढ़ के कोरबा में इस समय 100 से ज्यादा हाथी घूम रहे हैं जिले के घटघोरा वन मंडल में 51 हाथी है तो कोरबा वन मंडल में 58 हाथी है।
Elephant Terror: कोरबा वनमंडल कटघोरा अंतर्गत चोटिया के आसपास हाथियों का झुंड लगातार विचरण कर रहा है। झुंड ग्रामीणों के फसल को तो नुकसान पहुंचा ही रहा है, क्षेत्र के लोगों का अमन-चैन भी छीन गया है। जान-माल की सुरक्षा के लिए ग्रामीण रात में जगकर पहरेदारी करते हैं। अब एक दंतैल हाथी अलग विचरण कर रहा है इससे चिंता बढ़ गई है।
कटघोरा वनमंडल अंतर्गत पोड़ी उपरोड़ा के ग्राम पंचायत कोरबी में बुधवारी रात करीब 11 बजे एक दंतैल हाथी घुस आया। झुंड से एक हाथी अलग होकर कोरबी के महुआपारा के रविंद्र बाजपेई के घर के सामने से होते हुए बस स्टैंड पहुंच गया। इसकी जानकारी होने पर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया।
राजकुमार प्रजापति के घर के सामने हाथी आकर उत्पात मचाने लगा। इसकी जानकारी मिलने पर राजकुमार अपनी पत्नी व बच्चों को घर के पीछे से भागकर पड़ोस में निवासरत कृष्णा रजक के घर में छिपकर जान बचाई। ग्रामीणों ने हाथी को जंगल की ओर खदेड़ने शोर मचाना शुरू किया। साथ ही सिटी बजाकर, पटाखे फोड़ने व पत्थर मारकर खदेड़ने का प्रयास किया जाता रहा। काफी देर बाद दंतैल हाथी गांव से निकलकर जंगल की ओर लौट गया। इसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
कोरबी वन परिक्षेत्र अंतर्गत हाथियों की लगातार मौजूदगी व उत्पात से लोगों में दहशत व्याप्त है। जंगल से निकल कर खेतों में पहुंचकर हाथी धान की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
इसी कड़ी में ग्राम पंचायत पोड़ीखुर्द के खैरपारा निवासी मोतीराम पिता धनीराम खैरवार उम्र 30 वर्ष सुबह अपने फसल को हाथी से बचाने के चक्कर में अपना पैर तुड़वा बैठा। हाथी को भगाने के दौरान जब एक हाथी ने पलट कर दौड़ाया तो उससे बचने के लिए भागने के दौरान गिर पड़ा और उसका एक पैर टूट गया उसे इलाज के लिए कटघोरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पिछले 15 दिनों से हाथियों का आतंक फुलसर, बनिया, खड़परीपारा, सेमरहा ,सिटी पखना, चोटिया, रोदे, लालपुर, परला, झिनपुरी के अलावा दर्जनों गांव में बना हुआ है। हाथियों की चिंघाड़ से ग्रामीण थर्राए हुए हैं।