Jagannath Rath Yatra: मौसी घर में 9 दिन विश्राम करने के बाद भगवान जगन्नाथ आषाढ़ शुक्ल पक्ष की नवमी को भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ अपने मंदिर लौट आए।
Jagannath Rath Yatra 2024 Update: भगवान जगन्नाथ 10 दिन मौसी के घर पर रहे। मंगलवार को मौसी के घर के सात फेरे लिए और रथ पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ, बडे़ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा नगर भ्रमण करते हुए दादरखुर्द स्थित अपने धाम पहुंचे गए। भगवान के दर्शन और स्वागत करने भक्त आतुर दिखेे। जगह-जगह पूजा-अर्चना कर भगवान जगन्नाथ का आर्शीवाद लेकर परिवार की सुख और समृद्धि की कामना की।
दादरखुर्द स्थिति जगन्नाथ धाम में रथयात्रा पर्व को लेकर काफी उत्साह रहा। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ नगर भ्रमण करते हुए जनकपुरी स्थित श्रीराम-जानकी मंदिर (मौसी के घर) गए हुए थे। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को भगवान जगन्नाथ ने मौसी घर से वापस दादरखुर्द स्थित आपने धाम लौट गए। इसके पहले भगवान जगन्नाथ ने मौसी के घर के सात फेरे लिए और फिर रथ पर सवार होकर श्रद्धालुओं के बीच पहुंचे। भगवान जगन्नाथ को अपने घर के पास देखकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह रहा।
भक्तों ने आरती थाल सजाकर भगवान का स्वागत किया। जगह-जगह पूजा-अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने भगवान का अर्शीवाद लेकर परिवार के सुख, समृद्धि और शांति की कामना की। रथ जनकपुरी, कंकालीन मंदिर होते हुए देर रात दादर खुर्द स्थित मंदिर पहुंची। रथ से भगवान जगन्नाथ, बडे़ भाई बदभ्रद और बहन सुभद्रा की प्रतिमा को दादरखुर्द मंदिर में पुन: स्थापित किया गया। इस अवसर पर महाआरती की गई। इस अवसर पर भगवान जगन्नाथ के जयकारें से पूरा गांव गूंजायमान हो गया और माहौल भक्तिमय हो गया।
दादरखुर्द में रथ यात्रा की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। इसमें क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में उत्साह के साथ शामिल होते हैं। हर साल की तरह इस साल भी रथयात्रा में श्रद्धालु शामिल हुए।
मंगलवार को जनकपुरी दादरखुर्द में ग्राम विकास समिति की ओर से भक्ति जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जागरण कार्यक्रम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्ति गीतों पर श्रद्धालुओं के पैर देर रात तक थिरकते रहे। इस अवसर पर रंग-बिरंगी झालार लाइटों से समाज मंदिर और जागरण कार्यक्रम की गई विशेष साज-सज्जा श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहा।