Korba News: कोरबा जिले के कुसमुंडा इमलीछापर चौक से लेकर कुचैना मोड़ तक लगभग 400 मीटर की सड़क पूरी तरह उखड़ गई है। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और यहां से आना-जाना करना राहगीरों के लिए भारी पड़ रहा है।
Korba News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के कुसमुंडा इमलीछापर चौक से लेकर कुचैना मोड़ तक लगभग 400 मीटर की सड़क पूरी तरह उखड़ गई है। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और यहां से आना-जाना करना राहगीरों के लिए भारी पड़ रहा है। लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं मगर सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो रहा है। यह सड़क कब तक बनकर तैयार होगा यह अभी स्पष्ट नहीं है।
Korba News: सर्वमंगला चौक से इमलीछापर चौक तक 5.50 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण लगभग पूरा कर लिया गया है। इस सड़क पर वर्तमान में दो जगह कुछ मीटर का पेंच बचा हुआ है। इसे आने वाले दिनों में ठेका कंपनी पूरा कर देगी। यह पेंच 6 नंबर डंपर ओवरब्रिज और बरमपुर पुल के पास बचा हुआ है। दोनों ही स्थानों पर ठेका कंपनी कार्य कर रही है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस पेंच का काम जल्द पूरा हो जाएगा।
ओवरब्रिज के निर्माण का कार्य भी जारी रहेगा। इससे कोरबा से कुसमुंडा इमलीछापर चौक तक यात्रा करने वाले लोगों को राहत मिलेगी लेकिन इमलीछापर चौक से कुचैना मोड़ तक लगभग 400 मीटर लंबी सड़क पर पेंच फंसा हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण निर्माण कार्य की अवधि को बताया जा रहा है।
बताया जाता है कि सड़क निर्माण के लिए कार्यादेश जारी होने के बाद इस सड़क का निर्माण 30 माह के भीतर पूरा किया जाना था। इसमें वर्षा ऋतु भी शामिल थी। मगर सड़क निर्माण के शुरू हुए तीन साल से अधिक का वक्त गुजर गया है मगर सड़क का कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण समय पर सड़क निर्माण के लिए जरूरी जमीन को खाली नहीं कराया जाना है।
विभागों के बीच तालमेल की कमी और अफसरों की उदासीनता के कारण तीन साल बाद भी सड़क निर्माण के लिए जरूरी सभी प्रक्रियाएं जिला प्रशासन की ओर से पूरी नहीं की गई। कभी बिजली वितरण कंपनी तो कभी एसईसीएल के कारण चौड़ीकरण में बाधा आई। ऐसा करते-करते लगभग तीन साल का समय गुजर गया और अब स्थिति ऐसी है कि ठेका कंपनी कार्य को करने से पीछे हट रही है।
इसका बड़ा कारण कंपनी को हो रहा आर्थिक नुकसान को बताया जा रहा है। इस अवधि में कई माह तक कंपनी की मशीनें अलग-अलग कारणों से साइड पर ही पड़ी रही और कर्मचारी भी कार्य करते रहे। मगर सड़क का निर्माण नहीं हुआ। इससे कंपनी को आर्थिक नुकसान हुआ और अब कंपनी सड़क निर्माण को लेकर गंभीर नहीं है। इस पर कुछ बोलने से निर्माण एजेंसी के अफसर भी बच रहे हैं। हालांकि उनका दावा है कि बिजली खंभों को शिफ्ट करने के साथ ही निर्माण कार्य शुरू होगा।
कुचैना मोड़ से इमलीछापर तक की सड़क के निर्माण में देरी होने पर एसईसीएल की ओर से एक टेंडर जारी किया गया था। इसके तहत 17 लाख 76 हजार रुपए की प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। इस राशि से सड़क की मरम्मत का कार्य बारिश की अवधि तक किया जाना था। एक ठेका कंपनी ने लगभग 41 प्रतिशत कम रेट पर काम प्राप्त किया। उसने सड़क के कई जगह मरम्मत भी की, मगर सड़क इतनी जर्जर है कि यहां किया गया कार्य दिखाई नहीं दे रहा है। सड़क पर गड्ढे इतने हैं कि गाड़ियां हिचकोले खाकर चल रहीं हैं।
विभागों के बीच आपसी तालमेल की कमी से कुसमुंडा इमलीछापर चौक से कुचैना मोड़ तक की सड़क बनाने के काम में पेंच फंसता नजर आ रहा है। निर्धारित अवधि में सड़क निर्माण के लिए जरूरी जमीन खाली नहीं करा पाने और बिजली के खंभों को हटाने में हुई देरी के कारण अब ठेका कंपनी की रूचि इस सड़क को बनाने में कम हो गई है। इससे पेंच फंस गया है। हालांकि संबंधित विभाग का दावा है कि बिजली खंभों को शिफ्ट करने के बाद सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।