Action against Tehsildar: कलेक्टर ने 5 महीने पूर्व ही बिना एनओसी जमीनों की रजिस्ट्री नहीं करने के जारी किए थे आदेश, तहसीलदार एवं प्रभारी उप पंजीयक ने आदेश की भी नहीं की परवाह
बैकुंठपुर। शहरी सहित ग्रामीण अंचल में ग्राम एवं नगर निवेश के एनओसी के बिना जमीनों की रजिस्ट्री करने वाले तहसीलदार एवं प्रभारी उप पंजीयक को हटा (Action against Tehsildar) दिया गया है। साथ ही कलेक्टर ने एक पत्र जारी कर तहसीलदार के सीआर में राजस्व न्यायालय के प्रकरणों में लापरवाही उल्लेख करने आदेश दिया है। गौरतलब है कि एक व्यक्ति ने बिना एनओसी जमीनों की प्लॉटिंग कर आवासीय उपयोग करने की शिकायत कलेक्टर से की थी।
रघुनाथ पोद्दार नामक व्यक्ति ने कलेक्टर (Action against Tehsildar) को दिए गए शिकायत पत्र में उल्लेख किया था कि बिना अनुमति कृषि भूमि की प्लॉटिंग कर आवासीय उपयोग किया जा रहा है। जबकि कलेक्टर ने 23 दिसंबर 2024 को आदेश जारी कर उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
नगर पालिका मनेंद्रगढ़ और ग्रामीण अंचल में ग्राम चैनपुर, चौघड़ा, चनवरीडांड़, लालपुर, परसगढ़ी, डोमनापारा, भलौर में नगर एवं ग्राम निवेश बैकुंठपुर की अनुमति के बिना जमीन बिक्री प्रतिबंधित है। बावजूद भू माफियाओं से मोटी रकम लेकर प्रभारी उप पंजीयक एवं तहसीलदार ने कलेक्टर के आदेश (Action against Tehsildar) को डस्टबीन में डाल दिया है।
मामले में कलेक्टर डी. राहुल वेंकट ने उप पंजीयक मनेन्द्रगढ़ को 30 अप्रैल 25 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर कार्यालय में हाजिर होकर जवाब प्रस्तुत करने निर्देश दिए थे। उप पंजीयक यादवेन्द्र कैवर्त (Action against Tehsildar) ने 5 मई 25 को अपना जवाब प्रस्तुत किया, जिसमें स्वीकार किया है कि नगर तथा ग्राम निवेश से बिना एनओसी लिए ही जमीनों की रजिस्ट्री की कार्यवाही की गई, जो कलेक्टर न्यायालय से पारित आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है।
कलेक्टर के आदेश में लिखा है कि प्रकरण का अवलोकन करने पर उल्लेख किया गया है कि नवगठित जिला एमसीबी के मुख्यालय एवं आस-पास ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन क्रय-विक्रय की कई शिकायत मिल रही है, जिनका निराकरण करने कलेक्टर न्यायालय एवं कार्यालय से निर्देश दिए जा रहे हैं।
कलेक्टर के आदेश में उल्लेख है कि यादवेन्द्र कैवर्त तहसीलदार एवं उप पंजीयक (Action against Tehsildar) मनेन्द्रगढ़ के पद पर पदस्थ हैं। उसने चुनाव कार्य की व्यस्तता एवं भूलवश, याददाश्त से हटने का कारण दर्शाया है, जो कि अत्यंत ही खेदजनक है। साथ ही अधिकारी के पदेन कार्यों के निर्वहन में निष्ठा पर भी संदेह उत्पन्न करता है।
मामले में उप पंजीयक यादवेन्द्र के विरूद्ध लघुशास्ति अधिरोपित कर अपने पदीय दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही एवं उदासीनता बरतने पर सेवा पुस्तिका में राजस्व न्यायालय के प्रकरणों में लापरवाही उल्लेख सुनिश्चित करें।