कोटा

74 साल के हार्ट पेशेंट को मिला नई जिंदगी का अनमोल तोहफा, कोटा में पहली बार तीन धमनियों पर सफल रोटाकट एंजियोप्लास्टी

आमतौर पर ऐसे मरीजों की बाईपास सर्जरी करनी पड़ती है लेकिन अधिक उम्र और शारीरिक कमजोरी के कारण यह विकल्प संभव नहीं था।

2 min read
Sep 09, 2025
मरीज के ऑपरेशन के बाद ह्दय रोग विभाग की टीम (फोटो: पत्रिका)

Kota News: सुपरस्पेशलिटी चिकित्सालय में चिकित्सकों ने एक बुजुर्ग मरीज की ह्दय की जटिल सर्जरी की गई। दरअसल बूंदी निवासी सिराजुद्दीन (74) को हृदय की गंभीर बीमारी थी। उसकी बाईं मुख्य धमनी (लेफ्टमेन) और उससे जुड़ी दोनों प्रमुख शाखाओं एलएडी व एलसीएक्स में अत्यधिक कैल्शियम जमा हो गया था। ग्रेड-4 स्तर के इस कैल्सीफिकेशन के कारण धमनियों में करीब 95 प्रतिशत तक ब्लॉकेज हो चुका था।

आमतौर पर ऐसे मरीजों की बाईपास सर्जरी करनी पड़ती है लेकिन अधिक उम्र और शारीरिक कमजोरी के कारण यह विकल्प संभव नहीं था। इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में चिकित्सकों ने आधुनिक तकनीक का सहारा लिया।

ये भी पढ़ें

मिसाल: रक्षाबंधन पर बहन ने दिया भाई को जिंदगी का अनमोल तोहफा

मरीज की तीनों धमनियों में जमा कठोर कैल्शियम को विशेष रोटा एब्लेशन मशीन से हटाया गया। इसके बाद तीन स्टेंट एक साथ लगाकर रक्त प्रवाह को सामान्य किया गया। इस जटिल सर्जरी के बाद मरीज को पूर्णत: स्वस्थ स्थिति में डिस्चार्ज किया गया।

विशेष बात यह रही कि कोटा संभाग में पहली बार एक साथ तीनों धमनियों पर रोटाकट तकनीक का उपयोग करते हुए सफल लेफ्ट मेन बाइफरकेशन मिनीक्रश एंजियोप्लास्टी की गई। यह तकनीक रोटोब्लेशन और कटिंग बैलून दोनों के संयोजन से की जाती है। इसे अत्यंत जटिल और विशेषज्ञता वाली प्रक्रिया माना जाता है।

अत्यंत जटिल प्रक्रिया

मरीज की मुख्य धमनी व दोनों प्रमुख शाखाओं में अत्यधिक कैल्शियम जमा था, जिससे रक्त प्रवाह लगभग रुक चुका था। सामान्य परिस्थितियों में ऐसे मामलों में बाईपास सर्जरी की जाती है, लेकिन मरीज की उम्र और शारीरिक स्थिति को देखते हुए यह संभव नहीं था।

ऐसे में टीम ने रोटाकट तकनीक का सहारा लिया। रोटोब्लेशन और कटिंग बैलून का उपयोग कर तीनों धमनियों से कैल्शियम हटाया गया और फिर स्टेंट लगाए गए। यह प्रक्रिया अत्यंत जटिल और जोखिमपूर्ण होती है, लेकिन टीम के सामूहिक प्रयास से सफल रही।

डॉ. भंवर रणवां, विभागाध्यक्ष, ह्दय रोग विभाग, मेडिकल कॉलेज कोटा

उपलब्धि: 50 मरीजों की रोटाब्लेशन एंजियोप्लास्टिक सर्जरी हो चुकी

चिकित्सकों के अनुसार गत वर्ष तक करीब 50 मरीजों की रोटाब्लेशन एंजियोप्लास्टीक सर्जरी की जा चुकी है, लेकिन यह पहला मामला है, जब एक साथ तीनों धमनियों की रुकावट को हटाकर स्टेंटिंग की गई।

इस तरह की आधुनिक तकनीकें उन मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही हैं, जिन्हें उम्र या अन्य चिकित्सकीय कारणों से बाईपास सर्जरी नहीं की जा सकती। इस उपलब्धि ने न केवल मरीज को नया जीवन दिया है, बल्कि कोटा संभाग में हृदय रोग उपचार के क्षेत्र में नई उम्मीदें भी जगाई हैं।

ये भी पढ़ें

Rajasthan: पति की मौत के बाद भी नहीं हारी हिम्मत, 19 साल बाद बेटी के साथ शुरू की पढ़ाई, 4 नौकरियां में हुआ चयन, अब बनी व्याख्याता

Published on:
09 Sept 2025 02:21 pm
Also Read
View All

अगली खबर