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Big News : जेईई-एडवांस्ड में टॉप रैंक्स लाने के बावजूद नहीं लिया आईआईटी में एडमिशन

आईआईटी मद्रास की ओर से जारी आंकड़ों में सामने आया है कि जेईई-एडवांस्ड में टॉप रैंक्स लाने के बावजूद भी कई विद्यार्थियों ने आईआईटी में एडमिशन नहीं लिया।

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Sep 22, 2024

देश में हर वर्ष 15 लाख से अधिक स्टूडेंट्स जेईई मेन एवं एडवांस्ड की तैयारी करके आईआईटी-एनआईटी में जाने का सपना देखते हैं, लेकिन आईआईटी मद्रास की ओर से जारी आंकड़ों में सामने आया है कि जेईई-एडवांस्ड में टॉप रैंक्स लाने के बावजूद भी कई विद्यार्थियों ने आईआईटी में एडमिशन नहीं लिया।

गत वर्ष 1 लाख 80 हजार 200 विद्यार्थियों ने जेईई-एडवांस्ड की परीक्षा दी, इनमें से 48 हजार 248 को काउंसलिंग के लिए योग्य घोषित किया गया, जिनमें से 17 हजार 695 विद्यार्थियों को आईआईटी में प्रवेश दिया। इनमें 14 हजार 200 छात्र एवं 3495 छात्राएं शामिल हैं।

आंकड़ों में सामने आया है कि इस वर्ष भी कुछ टॉपर्स स्टूडेंट्स ऐसे रहे, जिन्होंने अच्छी रैंक आने के बावजूद भी आईआईटी में प्रवेश नहीं लिया। टॉप-50 ऑल इंडिया रैंक में 1, टॉप-100 में 3, टॉप-200 में 4, टॉप-500 में 13 व टॉप-1000 में 29 विद्यार्थी ऐसे हैं, जिन्होंने आईआईटी में प्रवेश नहीं लिया है। जबकि इन्हें शीर्ष आईआईटी में कंप्यूटर साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स, डाटा साइंस जैसी टॉप ब्रांचेज आसानी से मिल रही थी।

क्यों छोड़ते हैं आईआईटी ?
कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि टॉप रैंक्स लाने के बाद भी स्टूडेंट्स का आईआईटी में प्रवेश न लेने का बड़ा कारण रिसर्च के सर्वोत्तम संस्थान एवं विश्व की टॉप यूनिवर्सिटीज में चयन होना माना जा सकता है। देश का सर्वश्रेष्ठ संस्थान आईआईएससी में जेईई-एडवांस्ड के माध्यम से प्रवेश मिलता है। हर वर्ष कई टॉपर्स स्टूडेंट्स अपनी रुचि के अनुरूप इस संस्थान में फिजिक्स, कैमेस्ट्री, मैथ्स में रिसर्च एवं नई शुरू हुई मैथेमेटिक्स एण्ड कम्प्यूटिंग ब्रांच में प्रवेश लेते हैं। इसके अतिरिक्त कई टॉपर्स ग्लोबल स्टडी के लिए अन्य देशों के संस्थानों में प्रवेश ले लेते हैं।

Published on:
22 Sept 2024 08:32 pm
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