22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

RGHS Update : राजस्थान में डोरस्टेप डिलीवरी दवा योजना कब होगी शुरू? घोषणा को एक वर्ष बीता, पेंशनर्स परेशान

RGHS New Update : आरजीएचएस योजना पर नया अपडेट। डोरस्टेप डिलीवरी दवा योजना अटक गई है। कब होगी शुरू, कर्मचारी परेशान हैं।

less than 1 minute read
Google source verification
RGHS Update Rajasthan doorstep delivery medicines scheme When start a year has passed since announcement pensioners worried

फाइल फोटो पत्रिका

RGHS New Update : राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) के लाभार्थियों के लिए घर-घर दवाइयां पहुंचाने की महत्वाकांक्षी ‘डोरस्टेप डिलीवरी दवा योजना’ अभी तक धरातल पर नहीं उतर सकी है। बजट घोषणा को एक वर्ष बीत चुका है। क्रियान्वयन प्रक्रिया शुरू नहीं होने से लाखों कार्मिक और पेंशनर अब भी लाभ से वंचित हैं।

राजस्थान सरकार की घोषणा के अनुसार, यह योजना प्रदेश के लगभग 11 लाख सेवारत कर्मचारियों, 16 लाख सेवानिवृत्त कार्मिकों तथा उनके आश्रितों को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाने वाली थी।

आरजीएचएस के तहत पंजीकृत लाभार्थियों को अनुमोदित फार्मा स्टोर या ई-फार्मा प्लेटफॉर्म से दवाइयां ऑनलाइन मंगाने की सुविधा मिलनी थी। इसके बाद 24 घंटे के भीतर दवाओं की डोरस्टेप डिलीवरी सुनिश्चित की जानी थी, जिससे मरीजों को मेडिकल स्टोर तक जाने से राहत मिलती।

टलती गई योजना

सूत्रों के अनुसार, योजना के लिए ई-फार्मा कंपनियों का चयन, लॉजिस्टिक पार्टनरों की नियुक्ति, दवा आपूर्ति की ट्रैकिंग के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का विकास तकनीकी कारणों से लंबित है। साथ ही, दवाओं की कीमतों के मानकीकरण, विभिन्न जिलों में आपूर्ति शृंखला की उपलŽब्धता तथा आरजीएचएस पोर्टल के साथ एकीकरण जैसे मुद्दों पर स्पष्ट नीति तय नहीं हो सकी है।

तकनीकी प्रक्रियाएं अंतिम चरण में

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि योजना को व्यावहारिक, सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए आवश्यक तकनीकी प्रक्रियाएं अंतिम चरण में है।

यह व्यवस्था अत्यंत राहतदायक

ऑनलाइन दवा आपूर्ति शुरू होने से न केवल समय और खर्च की बचत होती, बल्कि गंभीर रोगों से पीड़ित बुजुर्ग पेंशनरों के लिए यह व्यवस्था अत्यंत राहतदायक होती। सरकार से योजना को शीघ्र लागू करने की मांग की है।
जुगराज राठौर, पेंशनर्स