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Rajasthan : AI लैब में तैयार हो रहे हाई-फाई ‘एडवांस टीचर’, यह कहानी नहीं बनने जा रही है हकीकत

Rajasthan : कोचिंग सिटी कोटा में एआइ लैब में तैयार हो रहे हाई-फाई 'एडवांस टीचर'। केवल पढ़ाएंगे नहीं, बच्चों का दिमाग भी पढ़ेंगे। कोचिंग सिटी में 1000 करोड़ से ज्यादा का निवेश। पढ़ाई का तनाव कम करने की पहल।

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Sep 09, 2025
कस्टमाइज प्रेक्टिस शीट के लिए लगाई गई CPS मशीन। ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

Rajasthan : कोचिंग सिटी कोटा में एडवांस फ्यूचर टीचर तैयार हो रहे हैं। जो स्टूडेंट की ताकत-कमजोरी से बखूबी वाकिफ होने के साथ ही हरेक विद्यार्थी को पर्सनल और कस्टमाइज स्टडी करवाने में काबिल होंगे। यह टीचर 'परफॉर्मेस-एफर्ट मैट्रिक्स' जैसे टूल्स में तो पारंगत होंगे ही,आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से मशीन लर्निंग के जरिए बच्चों को 'एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी' इंटेलीजेंट बनाने में भी हुनरमंद होंगे।

यह बातें एकबारगी आपको कहानी लग सकती है, लेकिन कोटा में इस दिशा में तेजी से काम शुरू हो चुका है। एआइ लैब और आरएंडडी के जरिए हाई-फाई टीचर तैयार कर कोटा कोचिंग को और प्रभावी बनाने के लिए यहां 1000 करोड़ से ज्यादा का निवेश किया गया है। ये टीचर एआइ एल्गोरिदम की सहायता से न केवल पढ़ाने में बल्कि स्टूडेंट का दिमाग पढ़ने में भी माहिर होंगे। बच्चों पर पढ़ाई का दबाव भी कम करेंगे।

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एआइ से ट्रेंड हो रहे टीचर

पढ़ाई में एआइ का प्रभावी इस्तेमाल देखना हो तो कोटा चले आइए। यहां कई कोचिंग में टीचर्स को एआइ से ट्रेंड किया जा रहा है। टीचर अब एआइ बेस्ड टूल्स- प्रैक्टिस टेस्ट जनरेटर, पर्सनलाइज्ड डैशबोर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। कोई वीआर/एआर सिमुलेशन से बच्चों को कठिन टॉपिक समझा रहा है तो कोई एआइ ट्रेंड टीचर पर्सनलाइज्ड लर्निंग और हर स्टूडेंट का अलग रिपोर्ट कार्ड तैयार कर डेटा एनालिसिस के जरिए बच्चों की कमजोरी-ताकत ट्रैक कर रहा है। किस चैप्टर में बच्चा पिछड़ रहा है… कितने मिनट में वह क्वेश्चन सॉल्व करता है… टीचर उसी हिसाब से गाइडेंस दे रहे हैं।

ऐसे तैयार हो रही है नई पीढ़ी

1- टीचर्स एआइ की मदद से माइक्रो टेस्ट, स्मार्ट असाइनमेंट, वर्चुअल स्टडी मटीरियल तैयार कर रहे हैं। गलतियों पर फीडबैक दे रहे हैं। बच्चा तुरंत सुधार कर पा रहा है।
2- सीपीएस मशीन कस्टमाइज प्रेक्टिस शीट के साथ छात्रों की सीखने की व्यक्तिगत क्षमता के आधार पर उन्हें पढ़ाई की योजना बनाकर दे रही है।
3- शिक्षक क्लास में एक घंटे पढ़ाने के बाद हाथों हाथ जान पा रहा है कि स्टूडेंट्स को कितना समझ आया।

किसी भी समय समस्या का समाधान

यदि क्लास में पढ़ा हुआ कुछ समझ में न आए तो स्टूडेंट घर पर पढ़ते समय रात दो बजे भी अपने फेवरेट टीचर के एआइ अवतार से डाउट क्लियर कर सकेगा। वहीं डेढ़ घंटे की क्लास के वीडियो को संक्षिप्त करते हुए 15 मिनट में देखा और पढ़ा जा सकेगा। इससे कम समय में बच्चा रिवीजन कर पाएगा।

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Updated on:
09 Sept 2025 10:35 am
Published on:
09 Sept 2025 10:21 am
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