कोटा

खाना बनाते समय हलवाई को आया हार्ट अटैक, हाथ में रह गई बाफला बाटी, मौत के बाद मचा हड़कंप

Cook Dies By Heart Attack: यहां आयोजक और मेहमान भोजन करने की तैयारी कर रहे थे। तभी यह हादसा हुआ। जीतमल के अचानक गिरने से हड़कंप मच गया।

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Mar 05, 2025

Kota News: कोटा शहर में साइलेंट हार्ट अटैक से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। कुन्हाड़ी क्षेत्र में पार्श्वनाथ रेजिडेंसी निवासी एक हलवाई की सोमवार शाम एक धार्मिक आयोजन में खाने बनाते समय अचानक साइलेंट हार्ट अटैक आने मौत हो गई। जीतमल जैन (42) धार्मिक आयोजन में जगरे में से बाफले निकाल कर घी लगाने का काम कर रहे थे, तभी अचानक अचेत होकर गिर पड़े।

यह घटना केशवरायपाटन रोड स्थित खेड़ा माताजी, भवानीपुर में हुई। यहां आयोजक और मेहमान भोजन करने की तैयारी कर रहे थे। तभी यह हादसा हुआ। जीतमल के अचानक गिरने से हड़कंप मच गया। मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें उठाने की कोशिश की, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। वहां मौजूद लोग तुरंत उन्हें पाटन रोड स्थित लव कुश अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।

डॉक्टरों के अनुसार, उन्हें साइलेंट हार्ट अटैक आया था। कर्मयोगी सेवा संस्था के संस्थापक राजाराम कर्मयोगी ने बताया कि जीतमल अविवाहित थे। वे धार्मिक आयोजनों में भोजन बनाने के लिए जाने जाते थे। उनका स्वभाव मिलनसार था। इस तरह अचानक मृत्यु से परिजन स्तब्ध हैं। नयापुरा मुक्तिधाम में मंगलवार सुबह उनका अंतिम संस्कार किया गया।

एक युवक को भी आया था साइलेंट अटैक

कुन्हाड़ी निवासी एक 25 वर्षीय युवक को भी शुक्रवार को साइलेंट अटैक आया था। उसकी उदयपुर में मौत हो गई। वह वहां जॉब करता था। रोज की तरह ऑफिस गया था, वहां तबीयत बिगड़ी गई । कोटा में दो साल में ऐसी एक दर्जन से ज्यादा घटनाएं हो चुकी है।

इनका यह कहना

अचानक रक्त जमने से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे मरीजों में होमोसीस्टिन बढ़ा हुआ मिलता है। इसके अलावा नींद पूरी नहीं होना, ब्लड प्रेशर, तनाव आदि कई कारण हो सकते हैं। ऐसी घटनाओं में लक्षण पहचान कर समय पर उपचार लेना चाहिए। किसी परिजन को किसी भी तरह का हृदय रोग का एहसास हो या कोई हार्ट अटैक जैसे लक्षण दिखें तो घर में एक डिस्प्रिन की गोली जरूर रखें। दिक्कत होने पर तुरंत डिस्प्रिन की गोली को मुंह में डालकर चबाकर पानी पी लें। यह हार्ट अटैक से रक्षा करेगी। इससे अस्पताल पहुंचाने का भी समय मिल जाएगा और मरीज की जान बचाई जा सकती है।

डॉ. भंवर रिणवां, विभागाध्यक्ष, ह्दय रोग विभाग, कोटा मेडिकल कॉलेज

Published on:
05 Mar 2025 02:38 pm
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