कोटा में अधिवक्ताओं के एक दल ने कोटड़ी के रियासतकालीन तालाब और मंदिर के रास्ते का अतिक्रमण हटाने को लेकर जिला कलक्टर, कोटा विकास प्राधिकरण, नगर निगम कोटा उत्तर के आयुक्त, कोटा सिटी पुलिस अधीक्षक, मत्स्य विभाग जरिए प्रभारी अधिकारी और पुरातत्व विभाग के खिलाफ स्थायी लोक अदालत में एक जनहित याचिका दायर की है। मामले में न्यायालय ने 19 सितम्बर को मामले की सुनवाई के लिए अधिकारियों को तलब किया है।
kota News. कोटा में अधिवक्ताओं के एक दल ने कोटड़ी के रियासतकालीन तालाब और मंदिर के रास्ते का अतिक्रमण हटाने को लेकर जिला कलक्टर, कोटा विकास प्राधिकरण, नगर निगम कोटा उत्तर के आयुक्त, कोटा सिटी पुलिस अधीक्षक, मत्स्य विभाग जरिए प्रभारी अधिकारी और पुरातत्व विभाग के खिलाफ स्थायी लोक अदालत में एक जनहित याचिका दायर की है। मामले में न्यायालय ने 19 सितम्बर को मामले की सुनवाई के लिए अधिकारियों को तलब किया है।
अधिवक्ता कमलकांत शर्मा, हितेन्द्र सिंह रावत और नीरज वर्मा ने स्थायी लोक अदालत में दायर की याचिका में बताया कि वे कोटा के स्थायी निवासी है। ऐसे में रियासतकालीन स्थानों से अतिक्रमण हटवाना उनका दायित्व है। ऐसे में जिला कलक्टर, कोटा विकास प्राधिकरण, नगर निगम कोटा उत्तर के आयुक्त, कोटा सिटी पुलिस अधीक्षक, मत्स्य विभाग जरिए प्रभारी अधिकारी और पुरातत्व विभाग की तालाब से अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी है।
दांयी मुख्य नहर के दोनों तरफ 14वीं शताब्दी के रियासतकालीन कोटड़ी तालाब, बजरंग नगर की नहर के पास कृष्णा विहार कॉलोनी के पास केडीए की सरकारी भूमि और तालाब में पत्थर और मलबा डाल कर भूमाफियाओं की ओर से अवैध कब्जा कर लिया गया है। कॉलोनी में भूमाफिया कॉलोनी का नक्शा बनाकर भूखंड बेच रहे हैं। तालाब के पास मंदिर भी है। इसके रास्ते में एक समाज विशेष के लोगों ने अवैध पक्का निर्माण कर आने-जाने का रास्ता बंद कर दिया है। इससे श्रद्धालु मंदिर तक नहीं जा पा रहे है।
मामले में पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय लोगों की कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन अतिक्रमण हटाने और बढ़ते अतिक्रमण को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। एक ओर गरीब लोगों को फुटपाथ से हटाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर रियासतकालीन तालाब में खुलेआम पसरते अतिक्रमण को रोकने के लिए कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके लिए सभी छह विभागों को तालाब की भूमि और मंदिर के रास्ते से अतिक्रमण हटाने के आदेश देने की मांग की है।
पत्रिका ने चेताया
राजस्थान पत्रिका ने 2 अगस्त को प्रकाशित समाचार में Òनाले और तालाब निगल गए, अब नदी पर नजरÓ शीर्षक से प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। इस मामले में करीब डेढ़ माह गुजरने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने के बाद शहर के सुधी अधिवक्ताओं ने मामले में स्थायी लोग अदालत में कार्रवाई के लिए जनहित याचिका दायक की है।