Rajasthan News: शिशु का सैंपल 9 अक्टूबर को लिया गया, जिसमें मेडिकल कॉलेज लैब ने एचएमपीवी वायरस की पुष्टि की। इसके बाद शिशु का विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में इलाज चला।
HMPV Case In Kota: देशभर में एचएमपीवी के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। कोटा में यह वायरस अक्टूबर में ही दस्तक दे चुका था। जेके लोन अस्पताल में तीन माह का एक शिशु इस वायरस से संक्रमित पाया गया था। उपचार के बाद शिशु पूरी तरह स्वस्थ हो चुका है।
कोटा मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. संगीता सक्सेना ने बताया कि झालावाड़ निवासी तीन माह का शिशु 2 अक्टूबर को अस्पताल में खांसी, जुकाम और बुखार की शिकायत पर भर्ती हुआ। शिशु का सैंपल 9 अक्टूबर को लिया गया, जिसमें मेडिकल कॉलेज लैब ने एचएमपीवी वायरस की पुष्टि की। इसके बाद शिशु का विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में इलाज चला।
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13 दिनों के उपचार के बाद शिशु स्वस्थ होकर 14 अक्टूबर को डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉ. सक्सेना ने बताया कि यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है, लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं है। समय पर उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने आमजन को सलाह दी है कि संक्रमण के लक्षणों पर ध्यान दें और सावधानी बरतें।
हल्के मामले: सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण
गंभीर मामले: निमोनिया या ब्रोन्कोन्यूमोनिया
– हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं।
– बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचें।
– बिना हाथ धोए अपनी आंख, मुंह और नाक को छूने से बचें।
– खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढकें।
– बीमार होने पर घर पर ही रहें।
– दरवाजों के हैंडल, टेबल जैसी सतहों को नियमित रूप से साफ करें।