Rajasthan News: एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक आईएलएस (इंस्ट्रूमेंटल लैंडिंग सिस्टम) लगाया जाएगा। इसमें रनवे पर केटवन श्रेणी के अत्यधिक रोशनी देने वाली लाइटें लगाई जाएगी। इसके साथ ही लोकेलाइजन और ग्लाइड पाथ के तहत अत्याधुनिक मशीनें भी लगाई जाएगी।
Kota News: कोटा में प्रदेश के सबसे बड़े ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण के लिए डीपीआर बनाने का कार्य एजेंसियों ने पूरा कर लिया है। अब डीपीआर को अंतिम पर्यवेक्षण के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी को सुपुर्द कर दिया जाएगा। नए एयरपोर्ट के निर्माण के लिए बूंदी जिले के डाबी क्षेत्र में पत्थर लाया जाएगा। इससे एयरपोर्ट की चारदीवारी, एयरस्ट्रिप के अलावा भवनों के निर्माण का काम किया जाएगा। इसके अलावा एयरस्ट्रिप में डाबी के पत्थर के साथ गामछ की मिट्टी का उपयोग किया जाएगा। यह मिट्टी एनएचएआई हाइवे बनाने में काम लेती है।
डीपीआर को तेजी से पूरा करने के लिए सरकार की ओर से तीन कंसलटेंट्स को काम सौंपा गया। दिल्ली के एक कंसलटेंट ने एयर साइड को लेकर डीपीआर बनाने का काम किया। दिल्ली के दूसरे कंसलटेंट की ओर से एयरपोर्ट पर बनने वाले भवनों की डीपीआर तैयार की। चेन्नई के तीसरे कंसलटेंट की ओर एयरपोर्ट के पर्यावरण संबंधी कामकाम को लेकर डीपीआर तैयार की गई। तीनों कंसलटेंट की डीपीआर को मिलाकर एक संयुक्त डीपीआर बनाई गई है। इस डीपीआर को उच्चाधिकारियों के अंतिम पर्यवेक्षण के बाद एयर अथॉरिटी को सौंप दिया जाएगा।
नए एयरपोर्ट को हाइवे से जोड़ने के लिए कोटा विकास प्राधिकरण की ओर से सड़क बनाने की प्रकिया शुरू कर दी गई है। केडीए की ओर से सड़क निर्माण के लिए डि मार्केशन कर दिया गया है। अब यहां चार करोड़ से सड़क का निर्माण किया जाएगा।
नए एयरपोर्ट पर केईडीएल की ओर से विद्युत आपूर्ति की जाएगी। जलदाय विभाग की ओर से सकतपुरा से एयरपोर्ट तक पाइप लाइन बिछाकर फिल्टर पानी भेजा जाएगा। इस पानी को एयरपोर्ट पर एक और वाटर फिल्टरेशन प्लांट बनाकर ट्रीट किया जाएगा। एयरपोर्ट पर बरसाती पानी से लेकर सीवरेज पानी के लिए ट्रीटमेंट के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाया जाएगा। पेयजल और ट्रीटेड वाटर के लिए अलग-अलग पाइपलाइन बिछाई जाएगी। नए एयरपोर्ट की भूमि पर लगे विद्युत टावर हटाने के बाद नए विद्युत टावर लगाने के काम की एयरपोर्ट अथॉरिटी की निगरानी में होगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गत 6 नवबर को बैठक में एयरपोर्ट अथारिटी (एएआई) को कोटा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को लेकर 7 दिवस में संबंधित विभागों से भूमि का पजेशन प्राप्त करने के निर्देश दिए थे। इस पर केडीए और बूंदी वन विभाग की ओर से एएआई को 12 नवबर को भूमि सौंपने का निर्णय लिया गया।
एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक आईएलएस (इंस्ट्रूमेंटल लैंडिंग सिस्टम) लगाया जाएगा। इसमें रनवे पर केटवन श्रेणी के अत्यधिक रोशनी देने वाली लाइटें लगाई जाएगी। इसके साथ ही लोकेलाइजन और ग्लाइड पाथ के तहत अत्याधुनिक मशीनें भी लगाई जाएगी। इससे एयरपोर्ट पर मौसम खराब होने, तूफान आने और अंधेरी रात में भी बड़े यात्री विमान आसानी से लैंडिंग कर सकेंगे। एयरपोर्ट में एक साथ सात बड़े विमान खड़े किए जा सकेंगे।