Ramjal Setu Link Project : रामजल सेतु लिंक परियोजना पर नया अपडेट। अब प्रदेश के सिर्फ 17 जिले को पेयजल एवं सिंचाई का जल मिल सकेगा। इससे पूर्व इस परियोजना से 21 जिलों को लाभ मिलने वाला था। जानें क्यों?
Ramjal Setu Link Project : रामजल सेतु लिंक परियोजना (पीकेसी-ईआरसीपी) में प्रदेश के अब 17 जिले लाभान्वित होंगे। पहले इस परियोजना से 21 जिलों को जोड़ा गया था, लेकिन पिछले दिनों सरकार ने नवगठित कुछ जिलों को समाप्त कर दिया है। परियोजना के पूर्ण होने पर प्रदेश की 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल एवं सिंचाई के लिए जल उपलब्ध हो सकेगा।
इस लिंक परियोजना में चंबल और इसकी सहायक नदियों कुन्नू, कूल, पार्वती, कालीसिंध और मेज के सरप्लस वर्षा जल को बनास, मोरेल, बाणगंगा, रूपारेल, पार्वती, गंभीर नदी बेसिनों में भेजा जाएगा। इस परियोजना में 522 एमसीएम पुनर्चक्रित जल सहित कुल 4102 मिलियन क्यूबिक मीटर जल उपलब्ध हो सकेगा।
इसमें लगभग सवा तीन करोड़ लोगों को सुलभ पेयजल की उपलब्धता के साथ-साथ लगभग ढाई लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए अतिरिक्त पानी की व्यवस्था हो सकेगी।
भरपूर पानी ईआरसीपी परियोजना से कोटा और बूंदी जिले के 749 गांवों और 6 कस्बों को पीने का भरपूर पानी मिलेगा। इसमें कोटा जिल के 384 गांव और 3 कस्बे कैथून शहर, इटावा और सुल्तानपुर कस्बे में जलापूर्ति हो सकेगी। बूंदी जिले के 365 गांव और 3 कस्बे में पानी पहुंचेगा।
जयपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, दौसा, करौली,धौलपुर, भरतपुर, डीग, अलवर, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़, अजमेर, ब्यावर, टोंक।